धारा 118 के सरलीकरण के बहाने प्रदेश हितों को बेचना चाहती है सरकार : जयराम ठाकुर
अक्स न्यूज लाइन शिमला 24 अक्टूबर :
जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा के तमाम विरोधों के बावजूद सरकार ने सबसे पहले धार्मिक संगठनों को हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 में छूट दे दी कि वह जमीन बेच सकते हैं। हमने विधानसभा में भी इसका विरोध किया साथ ही सरकार को आगाह किया कि जिस रास्ते पर वह चल रही है वह कहीं से भी प्रदेश के लिए हितकारी नहीं है और यदि हमने एक बार रास्ता खोल दिया तो फिर कोई ना कोई रास्ता यह सरकार प्रदेश के हितों को नीलाम करने के लिए निकालती रहेगी। अब फिर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम धारा 118 के नियमों का सरलीकरण करेंगे। लेकिन अपने मित्र मंडली और व्यापारी मित्रों के हितों के लिए मुख्यमंत्री ने हमेशा प्रदेश के हितों की अनदेखी की है। धारा 118 की बंदिशों में सरलीकरण को लेकर उनका रुख हमेशा प्रदेश के हितों की खिलाफ रहा है। प्रदेश की संपत्तियां बेचना उनका सबसे प्रिय शगल बन गयाहै।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इसके पहले वह पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय 40 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि अपने व्यापारी मित्रों को बेच चुके हैं। सरकार के इस कृत्य का भी हमने विरोध किया था। न्यायालय के दखल के बाद सरकार की इस डील पर फिलहाल विराम लगा है। प्रदेश के 20 से ज्यादा होटल इसी तरह से सरकार ने अपने मित्रों को बेचने की फुल प्रूफ प्लानिंग की है। प्रदेश में चल रहे उद्योगों से वसूली का ठेका इस सरकार ने अपने माफिया मित्रों को पहले ही दे रखा है। धुंआधार अवैध खनन के ज़रि प्रदेश के संसाधनों पर डकैती करने का अधिकार सरकार ने पहले ही अपने खास लोगों को दे रखा है। प्रदेश के संसाधनों का विदोहन हिमाचल प्रदेश को लोगों के हितों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए होना चाहिए, मित्रों के भले के लिए नहीं। हम सरकार और मुख्यमंत्री को यह बताना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी हिमाचल और हिमाचलियत की की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम धारा 118 में लेस मात्र की छेड़छाड़ भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री धारा 118 को छूने की कोशिश भी न करें। नहीं तो हम सड़कों पर उतरने से चूकेंगे नहीं।
बड़सर में लोगों से बिना मिले छुपकर गए मुख्यमंत्री
जयराम ठाकुर ने कहा कि बड़सर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री ने जाने का कार्यक्रम पहले से रखा था। उनके नेताओं ने स्थानीय लोगों को सीएम से मिलवाने के लिए सैकड़ों लोगों को बुला रखा था। लेकिन लोगों की भारी संख्या देखकर मुख्यमंत्री उनसे मिलने के बजाय सीधे शिमला निकल गए? सैकड़ों की संख्या में वहां बुजुर्ग लोग भी आए थे। वहाँ उनका इंतज़ार दिव्यांग भी कर रहे थे लेकिन सीएम साहब को उनकी न तो फ़रियाद सुननी थी और न ही उनके किसी सवाल का जवाब देना था। वहाँ जो भी बुज़ुर्ग और दिव्यांग आए थे उनका सरकार से यही सवाल था कि उनकी क्यों पेंशन बंद है, क्यों नहीं आ रही है। उनकी सहारा पेंशन क्यों नहीं आ रही है? मुख्यमंत्री भले ही उनसे मिले बिना चले गए लेकिन उनके सवाल सरकार का पीछा नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री बताएं कि लोगों को वृद्धा पेंशन क्यों नहीं मिल रही समय से? लोगों की सहारा पेंशन छीनकर उन्हें बेसहारा क्यों बनाया गया है?
तीन साल में अस्पताल की एक ईंट भी नहीं रखवा पाए
जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम साहब तीन साल में तीन बार बड़सर सिविल अस्पताल को 100 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुके हैं। सड़क से लेकर सदन और भाषण से लेकर बजट में भी ऐलान किया है लेकिन तीन साल में उस अस्पताल में एक नई ईंट भी नहीं रखवा पाए हैं? तीन साल में उन्होंने बड़सर में संस्थाओं को बंद करने का शतक लगाया है। आज जो संस्थाएं उन्होंने लोकार्पित की हैं सब के सब भाजपा सरकार के समय में शुरू हुई और परवान चढ़ी। अगर इस सरकार का उसके कोई योगदान है तो उसमें अड़ंगे लगाने और उसे पूरा करने में देरी करने है।




