मुख्यमंत्री भूल रहे हैं कि वह 5 लाख नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आए थे निकालने के नाम पर नहीं : जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सरकार कहती है कि वह हिमाचल की स्वास्थ्य सुविधा को विश्व स्तरीय बना रही है। दुनिया भर की इधर उधर की बातें कर साथी हैं लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें की सच्चाई यह है कि राजधानी शिमला के आईजीएमसी में डायबिटीज की जांच करने वाली किट उपलब्ध नहीं है, थायराइड जांच में इस्तेमाल होने वाली किट नहीं है। जिसकी वजह से इतनी छोटी-छोटी जांच नहीं हो पा रही हैं। अगर यह हाल।राजधानी और प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का है तो दूर दराज के इलाकों में स्वास्थ्य की क्या स्थिति होगी इसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आईजीएमसी में काम करने वाले सफाई और सुरक्षा कर्मियों चार-चार महीने से मानदेय नहीं मिला है। एक बहुत छोटी से आय में घर चलने वाले लोगों को सरकार द्वारा समय पर मानदेय न दिया जाना शर्मनाक है। ऐसा नहीं है कि मानदेय न मिलने की जानकारी सरकार के आला अफसरों और मुख्यमंत्री को नहीं है। मानदेय न मिलने की कई बार सीधे शिकायत मुख्यमंत्री से भी हो चुकी है और वेतन न देने को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। जिसकी खबरें मीडिया में भरी पड़ी है। इसके बाद भी बेहद कम मानदेय पर कम करने वाले कर्मियों को भी सरकार चार-चार महीने का मानदेय नहीं दे रही है। यह इस सरकार की संवेदनहीनता है। सरकार सभी आउटसोर्स कर्मियों का समय से मानदेय जारी करे।