आकांक्षी विकास खंड छौहारा और कुपवी ने नीति आयोग के तीन मानकों में किया 100 फीसदी लक्ष्य हासिल

छह मानक किए थे तय
आकांक्षी ब्लॉकों के लिए संपूर्णता अभियान के तहत छह मानकों को तय किया गया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:-
- गर्भवती महिलाओं को समय पर प्रसव-पूर्व देखभाल और पूरक पोषण।
- खंड में हर व्यक्ति के मधुमेह की नियमित जांच।
- खंड में लोगों के उच्च रक्तचाप की नियमित जांच।
- आईसीडीएस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत।
- मृदा सैंपल एकत्रीकरण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने का प्रतिशत।
- स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड प्रदाय करना।
छौहारा खंड ने हासिल किया दो मानकों में 100 फीसदी लक्ष्य
आकांक्षी खंड छौहारा ने पहली तिमाही में गर्भावस्था महिला की प्रसव पूर्व देखभाल में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में केवल 64.02 फीसदी लक्ष्य ही हासिल हो पाया था। इसमें सुधार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खंड में 20 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए। इसमें चार शिविर सीएचसी स्तर पर हर महीने आयोजित किए तथा 10 स्वास्थ्य शिविर पीएचसी स्तर पर आयोजित किए गए। एक आयुष्मान आरोग्य शिविर भी लगाया गया, जिसमें कुल 04 विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे। इनमें शिशु रोग, गायनी रोग विशेषज्ञ भी थे। 16 सब सेंटर के माध्यम से जागरूकता शिविर महीने के दूसरे मंगलवार को आयोजित किए गए। गांव और आंगनवाड़ी स्तर पर स्वास्थ्य और पोषण को लेकर कैंप लगाए गए। इसमें आशा वर्कर के माध्यम से कार्य किया गया। आशा वर्कर को प्रसव पूर्व देखभाल को ट्रेसिंग का प्रशिक्षण दिया गया। हर महीने की 21 तारीख को प्रसव पूर्व देखभाल इम्यूनाइजेशन करवाई जाती रही है। जब भी खंड में किसी की शादी होती है तो 15 दिनों में उनकी पहचान करके दंपति आईडी दी जाती है। इसके साथ गर्भधारण से पूर्व उन्हें फोलिक एसिड मेडिसन दी जाती है।
कुपवी खंड ने हासिल किया एक मानक में 100 फीसदी लक्ष्य
आईसीडीएस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत को कुपवी ने 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है। इसके तहत 2022-23 में लक्ष्य 77 फीसदी हासिल हुआ था, जबकि 2023-24 में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया। कुपवी की 15 पंचायतों, 04 सर्किल में एक-एक जागरूकता शिविर आईसीडीएस के तहत आयोजित किए गए। इसके साथ पोषण पखवाड़े भी आयोजित किए गए। हर पंचायत में दो पखवाड़े रखे गए। इसमें पंचायत, स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल आदि का सहयोग लिया गया। फील्ड में तैनात स्टाफ को डाटा एंट्री के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। आईसीडीएस के लाभार्थियों के लिए विशेष कैंप आयोजित किए गए। काम्यूनिटी बेस कैंप 01 और 15 तारीख को हर महीने लगाए गए। 0-6 आयु तक शिशु के विकास निगरानी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया।
क्या है आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम
वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरूआत देश के 112 अविकसित एवं पिछड़े जिलों के प्रभावी ढंग से विकास के उद्देश्य से किया गया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्धारित संकेतकों पर कार्य करते हुए उन जिलों के आम नागरिकों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाना था। इसी तर्ज पर वर्ष 2023 में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरूआत की गई, जिसके तहत देश भर के 500 ब्लॉकों को शामिल किया गया है। उक्त दोनों कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव एवं गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय करना है। सम्पूर्णता अभियान के माध्यम से इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्यों को अंजाम दिया गया।
"छौहारा ने दो और कुपवी आकांक्षी खंड ने एक मानक में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया। इसके लिए सभी विभागों के संयुक्त प्रयास किए है और फील्ड स्टाफ ने भी बेहतर कार्य किया है। हमें उम्मीद है भविष्य में अन्य मानको में भी 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया जाएगा।" अनुपम कश्यप, उपायुक्त, शिमला।