गिरिपार को जनजातीय घोषित करने के विरोध में अनुसूचित जाति वर्ग ने संगड़ाह में निकाली महा रैली
22 अगस्त गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति जिला सिरमौर ने संगड़ाह में महा रैली का सफल आयोजन किया है । गिरिपार के लगभग 12 हज़ार लोगों ने संगड़ाह में गिरिपार को जनजातीय घोषित करने से अनुसूचित जाति के लोगों को पंचायत रोस्टर के नुकसान और जातीय प्रताड़ना से बचाने वाले एससी/ एसटी कानून के निष्क्रिय हो जाने के भय से एक बैठक की और उसके बाद पर्यावरण विद स्व किंकरी देवी पार्क से एस डी एम कार्यालय तक एक महा रैली का आयोजन कर एस.डी.एम संगड़ाह के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपा जिसमें ये गुहार लगाई गयी कि इस क्षेत्र को जनजातीय घोषित करने से पहले उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की जाएं। रैली में गिरिपार क्षेत्र के सब डिवीज़न संगड़ाह, शिलाई, पांवटा साहिब, राजगढ़ और कफोटा के लोगों ने भाग लिया। समिति के जिला मीडिया प्रमुख सुरेन्द्र धर्मा ने बताया रैली के लिए केवल सीमित संख्या में दूसरे सब डिवीजन से लोग बुलाये थे अधिकतर संख्या केवल संगड़ाह के लोगों की थी तब भी ये संख्या लगभग 12हज़ार तक पहुंच गयी थी। ये इस बात का संकेत है कि गिरिपार के अनुसूचित जाति के 40 % लोगों में सरकार के इस एक तरफा फैसले से भारी रोष है।
समिति के मीडिया प्रभारी दीप जमथेटका और बीरबल सिँह ने मंच संचालन करते हुए अनुसूचित जाति के सभी समुदायों के लगभग चार दर्जन वक्ताओं को अपनी बात रखने का मौका दिया और कहा कि हमारी किसी जाति, वर्ग समुदाय और सरकार से लड़ाई नहीं है हम सिर्फ अपने अधिकारों की सुरक्षा चाहते है।इस अवसर पर लायक राम ने बताया कि हम सब एक है हमारा समाज गिरिपार अधिकार संरक्षण सीमित के साथ खड़ा हुआ हम अपने अधिकारों की लड़ाई तन मन धन के साथ खड़े है।
किशोरी ने समाज का आश्वाशन देते हुए कहा कि हमारी किसी जाति विषेश के साथ कोई लडाई नहीं है हम गिरिपार अधिकार संरक्षण सीमित के साथ खड़े है अपने अधिकार की लड़ाई लड़े।
विनोद कुमार प्रधान गिरी पार अनुसूचित जाति अधिकार सरंक्षण समिति संगड़ाह ने संबोधित करते हुए कहा कि एससी जाति के सभी लोग एक साथ है अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए सक्षम हैं जगत सिँह भूत पूर्व प्रधान प्रधान एवं अध्यक्ष ने सम्बोधित करते हुए कहा कि एससी के सभी लोगों के एक है
सभी वक्ताओं ने साफ साफ शब्दों में कहा कि सरकार अगर इस क्षेत्र को जनजाति घोषित करना चाहती है तो करें परन्तु हमारे अधिकार सुरक्षित रखने के लिए पहले प्रयास करें। वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में चेताया कि अगर 40% आबादी की अनदेखी कर इस क्षेत्र को जनजातीय घोषित किया गया तो अनुसूचित जाति के लोग इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे । डॉ नीरज चौहान ने बताया कि आरोप लग रहे है कि केवल एक जाति विशेष के लोग भटके हुए है उनके लिए आज की रैली एक करारा जवाब है । सभी अनुसूचित जातियां इस मुद्दे पर एकमत हैं व किसी भी सूरत मे अपने अधिकारों को छीनने नही देंगे। उन्होंने मंच से हाटी समिति को जनजातीय मुद्दे पर किसी भी टीवी चैनल या अन्य मंच से खुली चर्चा करने की चुनौती दी । उन्होंने किसी भी तरह के राजनीतिक षड़यंत्र से इंकार किया और स्पष्ट शब्दों में कहा कि गिरिपार के अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को इस मुद्दे पर किसी भी राजनीतिक दल का सहयोग नहीं मिला तभी हमें आज सड़को पर उतरना पड़ रहा है। शिलाई समिति के प्रधान सुनील वर्मा ने कहा कि हम संविधान को मानने वाले शांतिप्रिय लोग है परन्तु अगर हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच कर हमारे अधिकारों का हनन किया जायगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
जिला प्रधान अनिल मंगेट ने कहा कि अगर हमारी बात को नजरअंदाज किया जाता है तो सभी अनुसूचित जाति के संगठन मिल कर भविष्य में प्रदेश और राष्ट्र व्यापी आंदोलन करेंगे ।