अक्स न्यूज लाइन शिमला 25 सितंबर :
अख़िल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पिछले 76 वर्षों से समाज हित व छात्रहित में मांग उठाने के लिए आवाज बुलन्द करने का काम करती आ रही है इसी संदर्भं में आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। इकाई मंत्री ने ब्यान जारी करते हुए कहा की इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से विभिन्न छात्र माँगो को उठाया अपनी मांगे रखते हुए परिषद् ने छात्र संघ चुनावों को प्रमुखता से उठाते हुए बताया कि विद्यार्थी परिषद लम्बें समय से छात्र संघ चुनावों को लेकर माँग करती रही है पूर्व की सरकारों ने भी छात्र समुदाय को झूठे झुमले देने का काम किया और इस विषय पर केवल राजनीतिक रोटियाँ सेक कर अपना कार्यकाल निकाला आशीष ने कहा की वर्तमान की सरकार के मुखिया भी छात्रराजनीती से निकल कर विद्यानसभा पहुँचे हुए हैं लेकिन छात्र संघ चुनाव के प्रति उनका रवैया भी नकारात्मक देखने को मिलता है जब भी उनसे इस विषय पर पूछा जाता है तो उनकी इस विषय पर चुपी नहीं टूटती है।
साथ ही साथ अपनी दुसरी माँग रखते हुए आशीष ने बताया की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण सर्दियों के मोसम में बर्फ से ढका मिलता है एसी स्थिति में छात्र पुस्तकालय में पढ़ाई करने के लिए नहीं बैठ पाता क्योंकि ठंड होने के कारण से पुस्तकालय में बैठना असंभव होता है इसलिए परिषद लंबे समय से पुस्तकालय में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम लगाने की माँग कर रही है ।
इसी के साथ परिषद ने अपने धरना प्रदर्शन में ग़ैर शिक्षक भर्ती को करवाने की माँग करी इकाई उपाध्यक्ष इंश ने अपने वक़्तव्य में बताया कि ग़ैर शिक्षक भर्ती को लेकर आवेदन और फ़ीस तक प्रदेश के युवाओं से विश्वविद्यालय ने करोड़ के हिसाब से पैसे ऐंठ कर अभी भी उस भर्ती की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया।
इसी साथ अपनी माँग में परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्थायी कुलपति न होने के कारण से विश्वविद्यालय में अराजकता का महौल बना हुआ है कर्मचारी और अधिकारी मनमानी करते हुए दिखाई देते हैं और विश्वविद्यालय के सभी काम अधूरे लटके हुए दिखायी देते हैं प्रदेश का छात्र जब भी विश्वविद्यालय में कुलपति से अपनी समस्या को लेकर आते हैं लेकिन कुलपति महोदय धर्मशाला में होते हैं ।
अंत में परिषद के इकाई मंत्री आशीष शर्मा ने कहा की यदि हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो परिषद इस प्रदेश व्यापी आंदोलन को तीव्र गति से उग्र करने मे परहेज नहीं करेगी और जिसका जिमेदार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।