शिमला, चंबा, सिरमौर, मंडी और कुल्लू में स्थापित होंगी एनडीआरएफ की छोटी टुकड़ियां
बैठक में बांधों और नदियों में पानी का स्तर मापे जाने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया। इसके लिए बांध प्राधिकरणों और केंद्रीय जल आयोग को साथ मिलकर समन्वय स्थापित करने और अग्रिम चेतावनी प्रणाली को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया। इसके लिए बांध प्राधिकरणों और केंद्रीय जल आयोग के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बांध प्राधिकरण अपनी मशीनरी और बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी रखें।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे तिरपाल इत्यादि के दाम में बढ़ौतरी न हो।
विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने कहा कि सभी उपमंडलों को सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड जल्द ही सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त गत वर्ष कांगड़ा, मंडी, कुल्लू में धंसे स्थलों का दौरा करें और यदि स्थिति चिंताजनक है तो लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए। वहीं मानसून सीजन में पहाड़ों की कटाई करने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने अवगत करवाया कि 84 प्रदेश में इस वर्ष जून से सिंतबर तक मानसून सामान्य रहेगा।