ऊना में मेगा मॉक अभ्यास 14 जून को, बारिश-बाढ़-भूस्खलन को लेकर आपदा प्रबंधन की तैयारी परखेगा जिला प्रशासन
बता दें, मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुक्रवार को वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से ओरिएंटेशन कार्यशाला लगाई। इसमें उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर के साथ विभिन्न हितधारक विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। इसे लेकर आगे 12 जून को समन्वय बैठक एवं टेबल टॉप एक्सरसाइज की जाएगी तथा 14 को राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल होगी।
ये हैं मॉक ड्रिल के मुक्ष्य उद्देश्य
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि 14 जून को पूरे प्रदेश में मेगा मॉक ड्रिल होगी, इसी क्रम में ऊना जिले में भी इसका आयोजन किया जाएगा। मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपदा में रिस्पॉंस प्लान की प्रभावकारिता को परखना है, ताकि कमियों का पता लगा कर उन्हें समय से सुधारा जा सके। साथ ही इसका एक उद्देश्य सभी हितधारक विभागों व अधिकारियों को आपदा प्रबंधन को लेकर अद्यतन मानक संचालन प्रक्रियाओं और दिशा निर्देशों से परिचित कराना है। इसी प्रकार इसका एक मकसद जन जागरूकता बढ़ाना और सभी हितधारक विभागों में बेहतर तालमेल सुनिश्चित बनाना भी है।
ऑनलाइन बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आला अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा आपदा प्रबंधन योजना और इसके सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। वहीं शिमला से बैठक में जुड़े राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डी.सी. राणा ने मॉक ड्रिल को पूरी गंभीरता से करने को कहा ताकि आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं के साथ प्रतिक्रिया योजना की प्रभावकारिता का सही आकलन किया जा सके।
दक्षता और आपसी समन्वय का होगा आकलन
महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिले के लिए आपदा प्रबंधन योजना तैयार की है। इसके अलावा सभी विभागों की भी अपनी-अपनी आपदा प्रबंधन योजनाएं हैं। इन योजनाओं में हर विभागीय अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी पहले से ही निर्धारित है। सभी विभाग इन्हीं योजनाओं के अनुसार अपने-अपने स्तर पर मेगा मॉक ड्रिल की तैयारी करें। इस तरह की आपात स्थिति में संबंधित विभागों की दक्षता और आपसी समन्वय का आकलन किया जाएगा और उनकी प्रभावकारिता भी देखी जाएगी।
हर गांव में करें सुरक्षित स्थलों की मैपिंग
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मानसून से पूर्व एहतियाती कदम उठाते हुए नदियों-नालों की सफाई तय बनाने को कहा। यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि नदियों-नालों के बहाव मार्ग अवरुद्ध ना हांे। उन्होंने कहा कि अधिकारी आपदा प्रबंधन की दृष्टि से हर गांव में सुरक्षित स्थलों की मैपिंग कर लें। जहां बाढ़ आदि की आपात स्थिति में लोगों को ठहराने समेत अन्य इंतजामों को लेकर उपयुक्त व्यवस्था करने में सुगमता हो। उन्होंने स्वां नदी के बहाव के मार्ग में झुग्गियों को हटाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी आपदा मित्रों के साथ बैठक कर लें तथा उन्हें आपात स्थिति को लेकर सजग सचेत रहने को कहें।
बैठक में एएसपी सुरेंद्र शर्मा, एसडीएम अंब विवेक महाजन, एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान, एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, एसडीएम गगरेट सौमिल गौतम, डीएफओ सुशील, सीएमओ संजीव वर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।