साहसिक खेल और पर्यटन का नया केंद्र बन रहा अंदरोली

गोविंद सागर झील से सटे इस क्षेत्र में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एशियन विकास बैंक की सहायता से 10 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिससे यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। वहीं इस क्षेत्र में गोविंद सागर पर अनुमानित लगभग 871 करोड़ रुपये की लागत से मंदली-लठियाणी पुल व सड़क निर्माण भी यहां पर्यटन विकास को नया आयाम देने में सहायक होगा। इस दिशा में निर्णायक कदम उठाए गए हैं और पहले चरण के लिए करीब 400 करोड़ रुपये की परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
चारों ओर पहाड़ों से घिरी गोविंद सागर झील की सुंदरता और रोमांचकारी गतिविधियों का संगम अंदरोली के आकर्षण को चार चांद लगाता है। इस क्षेत्र को एडवेंचर टूरिज्म हब बनाने के उद्देश्य से यहां बोटिंग, कयाकिंग, जेट स्की और हाउस बोट जैसी रोमांचक गतिविधियों को प्रारंभ किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इन गतिविधियों के संचालन के लिए मेफील्ड एडवेंचर्स को टेंडर प्रदान किया है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को रोमांचक अनुभव मिलेगा।
पर्यटन विकास से स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार अंदरोली को साहसिक पर्यटन और वाटर स्पोर्ट्स का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार करने के साथ-साथ यहां मनोरंजन और खेल गतिविधियों के नियमित आयोजन के प्रयास किए जाएंगे, ताकि यह क्षेत्र पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभर सके।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष अपने कुटलैहड़ क्षेत्र के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अंदरोली में गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स व साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को परखा था। उन्होंने वहां बोटिंग का आनंद भी लिया था और इसे बड़े स्तर पर प्रमोट करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
वहीं, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की प्राथमिकता साहसिक खेलों को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है। अंदरोली में वाटर स्पोर्ट्स का विकास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। इससे न केवल साहसिक खेलों और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी।