वित्तिय अनिमितताओं को लेकर विवाद जारी:अंजुमन इस्लामिया का ऑडिट कराने की डीसी से लगाई गुहार...

वित्तिय अनिमितताओं को लेकर  विवाद जारी:अंजुमन इस्लामिया का ऑडिट कराने की डीसी से लगाई गुहार...

अक्स न्यूज लाइन नाहन  08 अक्तूबर  :  

शहर की हरीपुर मस्जिद में पूर्व में वित्तिय अनिमितताओं के विवाद के बीच अब अंजुमन इस्लामिया का  सरकारी ऑडिट कराने की डीसी से  गुहार लगाई गई है। हरीपुर मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष शाकिर खान की अगुवाई में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा को ज्ञापन सौंप कर अंजुमन इस्लामिया का सरकारी स्तर पर ऑडिट कराने के आदेश देने की गुहार लगाई है।

डीसी की सोंपे ज्ञापन में का गया किअंजुमन इस्लामिया नाहन नामक सोसायटी, जो मूल रूप से धार्मिक एवं सामाजिक उ‌द्देश्यों की पूर्ति हेतु गठित की गई थी, वर्तमान में अपने नियमों, उपविधियों और घोषित उ‌द्देश्यों के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है।

हरीपुर मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष शाकिर खान ने मीडिया को बताया कि यह एक गंभीर मामला है, आशंका है कि संस्था द्वारा प्राप्त की जा रही दान राशि, ज़कात, फित्रा तथा विशेष अवसरों पर एकत्र की गई धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ नहीं किया जा रहा है और इन निधियों का अनुचित उपयोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किया जा रहा है।
शाकिर खान ने ज्ञापन में कहा कि संस्था के कुछ पदाधिकारी मस्जिदों के कार्यों में अनधिकृत हस्तक्षेप कर रहे हैं, जबकि संस्था के संविधान में ऐसा कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है। अंजुमन इस्लामिया का उ‌द्देश्य केवल धार्मिक एवं सामाजिक कल्याणकारी गतिविधियों तक सीमित होना चाहिए, न कि मस्जिदों के प्रशासनिक नियंत्रण तक है।

उन्होंने डीसी को सोंपे ज्ञापन में कहा कि  यह खुलासा हुआ है कि अंजुमन इस्लामिया नाहन ने बैंक से सोसायटी के नाम पर बिना आवश्यक औपचारिकताएँ पूर्ण किए ऋण प्राप्त किया है। यह संस्था के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त पूर्व में भी इस संस्था द्वारा ऋण लिया गया था और वर्तमान में लगभग ₹7,00,000 (सात लाख रुपये) का नया ऋण भी लिया गया है।  

खान ने ज्ञापन में आशंका ज़ाहिर करते हुए कहा कि संस्था द्वारा प्राप्त  दान राशि, ज़कात, फित्रा तथा विशेष अवसरों पर एकत्र की गई धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ नहीं किया जा रहा है और इन निधियों का अनुचित उपयोग (Misuse of Funds) नीजि स्वार्थो के लिए किया जा रहा है। गंभीर प्रश्न उठाता है जब की अंजुमन इस्लामिया की आय काफ़ी जायदा है तो उस लोन की कोई आवश्यकता नहीं बनती।

ज्ञापन में कहा  गया कि अंजुमन इस्लामिया नाहन के अध्यक्ष गुल मुनव्वर उर्फ बॉबी अहमद ने संस्था का चुनाव लड़ा था।उन्होंने अंजुमन इस्लामिया के सदस्य के रूप में अनिवार्य मासिक योगदान राशि जमा नहीं की थी। इस विषय पर नाहन की अदालत में मुकदमा दायर किया जा चुका है, यह मामला विचाराधीन है। यह स्थिति संस्था की कार्यप्रणाली और उसके संचालन की वैधानिकता पर गंभीर संदेह उत्पन्न करती है।

डीसी से अंजुमन इस्लामिया नाहन के समस्त वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों, दान एवं ऋणों की सरकारी ऑडिट कराने, संस्था द्वारा लिए गए ऋण, प्राप्त दान राशि तथा किए गए व्ययों की विस्तृत जांच एंव  वित्तीय अनियमितता, गबन या धोखाधड़ी का मामला सामने आए तो दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाने की गुहार लगाई गई है।