ऊना जिले के 1210 बच्चे मिशन वात्सल्य योजना के प्रायोजक कार्यक्रम में होंगे कवर
बता दें, मिशन वात्सल्य योजना का लक्ष्य भारत के हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है। साथ ही उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान करना, हर क्षेत्र में विकास के लिए सहायता प्रदान करना, उनके लिए ऐसी संवेदनशील, समर्थनकारी और समकालिक इको-व्यवस्था स्थापित करना है, जिसमें उनका पूर्ण विकास हो।
प्रायोजक कार्यक्रम में पात्रता के लिए ये हैं मानदंड
मिशन वात्सल्य योजना के प्रायोजक कार्यक्रम में वे बच्चे जिन मामलों में माता विधवा या तलाकशुदा या परिवार द्वारा परित्यक्त हो अथवा जहां बच्चे अनाथ हों और विस्तारित परिवार के साथ रह रहे हों उन्हें इसमें कवर किया जाता है। इसके अलावा जहां माता-पिता जीवन के लिए खतरनाक /अत्यंत गंभीर बीमारी के शिकार हों, अथवा माता-पिता अक्षम या बच्चों की देखभाल करने में आर्थिक और शारीरिक रूप से असमर्थ हों, उन बच्चों को भी इस योजना में वित्तीय सहायता दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, जेजे अधिनियम, 2015 के अनुसार देखभाल और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चे, जैसे बेघर, किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार, बाल श्रम, बाल विवाह के शिकार, दुर्व्यापार किए गए बच्चे, एचआईवी/एड्स प्रभावित बच्चे, विकलांग बच्चे, लापता या भागे हुए बच्चे, बाल भिखारी या सड़क पर रहने वाले, सहायता और पुनर्वास के जरूरतमंद प्रताड़ित या प्रताड़ित या शोषण किए गए बच्चों को इसमें कवर किए जाता है। वहीं पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत शामिल बच्चे भी इसके लिए पात्र हैं।
इस कार्यक्रम में बच्चों को 18 साल की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
2023-24 में 90 लाख की सहायता
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि मिशन वात्सल्य योजना के प्रायोजक कार्यक्रम में ऊना जिले में पूर्व में 189 मामले स्वीकृत किए गए थे। अब 1210 नए मामलों की स्वीकृति से कार्यक्रम में लाभर्थियों की संख्या 1399 हो गई है। जिले में इस कार्यक्रम के तहत साल 2023-24 में करीब 90 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है।
शत प्रतिशत कवरेज के लिए किया जा रहा सर्वे
एडीसी ने की लोगों से जानकारी साझा करने की अपील
महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि ऊना जिले में मिशन वात्सल्य योजना के प्रायोजक कार्यक्रम के पात्र बच्चों की शतप्रतिशत कवरेज के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसमें पंजीकरण से छूटे मामलों को कवर किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास ऐसे बच्चे हों अथवा ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में हो, तो उनकी जानकारी प्रशासन से साझा करें। लोग जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय ऊना में इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसे लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप के मोबाइल नंबर 8219604768 और कार्यालय दूरभाष नंबर 01975 225850 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सहित समिति के सदस्य सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन मीनाक्षी राणा, प्रेम आश्रम की प्रबंधक नीलम, अभिमन्यू कपूर, मोहित मेहता सहित अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।