भूकंप और अन्य आपदाओं को लेकर वर्तमान पीढ़ी होगी जागरुक

उन्होंने बताया कि इस दौरान आपदा का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर जागरूकता गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। बकौल एसडीएम, कांगड़ा भूकंप की स्मृति में स्कूली बच्चों के लिए भाषण और नारा लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन इस दौरान किया जाएगा। इसके साथ लोगों को जागरूक करने के लिए लोक कलाकारों द्वारा आपदा प्रबंधन को लेकर एक नाटक का मंचन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1905 में भूकंप के दौरान 20 हजार के करीब लोगों ने जान गंवाई थी जबकि एक लाख से भी ज्यादा भवन क्षतिग्रस्त हुए थे।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा कभी उत्पन्न न हो और इस तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि आपदा की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सके। इस दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित डीडीएमए के कर्मचारी उपस्थित रहे।