रेडजोन क्षेत्रों में लिंगानुपात में समानता लाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करें- उपायुक्त

रेडजोन क्षेत्रों में लिंगानुपात में समानता लाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करें- उपायुक्त
अक्स न्यूज लाइन बिलासपुर 28 अगस्त : 
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक बुधवार को बचत भवन में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
         उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसे अधिकारी गंभीरता के साथ क्रियान्वयन करें, ताकि पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को किस प्रकार के पोषण की आवश्यकता है इस पर काम करना चाहिए और जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने घुमारवीं तथा झण्डुता में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रेडजोन क्षेत्रों में  लिगंानुपात में समानता लाने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।  स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एंव बाल विकास की आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ता इस पर विशेष नजर रखेगी।
उन्होंने बताया कि जिला में पूरक पोषाहार कार्यक्रम में 1111 आंगनबाड़ी केद्रांे के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक के 14470 बच्चों व  2484 गर्भवती महिलाओं तथा 2168 धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया गया। उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए की आंगनवाड़ी केंद्रांे में स्थापित पानी की टंकियों का समय-समय पर निरीक्षण कर क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिए की जो स्कूल भवन खाली चल रहे हैं उनकी सूची शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए की जिन आंगनवाड़ी केंद्रों के भवनों के सेल्फ पास कर दिए गए हैं उनका कार्य शीघ्र शुरू करें ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है इन योजनाओं का पात्र लोगों को निर्धारित समय अवधि में लाभ मिलना चाहिए जिसके लिए अधिकारी तीव्रता से कार्य करें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत चालू वर्ष में 60 लाख रूपए खर्च किये जाएगें। इस योजना के तहत  वित वर्ष 2023-24 में जिला मंे पात्र 93 को लाभान्वित किया गया। मुख्य मन्त्री शगुन योजना के तहत वित वर्ष 2023-24 में 247 पात्र को लाभान्वित किया गया। चालू वर्ष में 85 लाख रूपए की धनराशि व्यय की जाएगी। विधवा पुर्नविवाह योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 14 लाख रूपए की धनराशि व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा असहाय योजना के तहत वित वर्ष 2023-24 में जिला मंे लगभग 25 लाख 57 हजार रूपए व्यय करके  565 माताओं और 922 बच्चों को लाभान्वित किया गया। इस तिमाही के दौरान लगभग 12 लाख रूपए खर्च करके 281 माताएं और 411 बच्चों को लाभान्वित किया गया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में इस तिमाही के दौरान 805 पात्र मामलों में 33 लाख 42 हजार रूप्ए की धराशि व्यय की गई।
उन्होंने बताया कि जिला में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है जिसमें हिंसा से पीडित महिलाओं एवं  बालिकाओं को निशुल्क पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता मनोविज्ञानिक एवं सामाजिक परामर्श व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इस तिमाही के दौरान 93 महिलाओं को अस्थाई आश्रय दिया गया तथा कुल 280 महिलाओं को परामर्श देकर उनकी समस्याओं का निदान किया गया।

पोषण अभियान किया लॉच
एक सितम्बर से 30 सितम्बर 2024 तक राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। उपायुक्त ने जिला बिलासपुर में एक माह तक चलने वाले राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को लॉच किया।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान जिला में अलग-अलग गतिविधियों के जरिए पोषण पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। पोषण माह में एनीमिया प्रबंधन पर जोर होगा। साथ ही ग्रोथ मॉनिटरिंग के माध्यम से एक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें 0-6 वर्ष के सभी बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग की जाएगी।उन्होंने बताया कि जागरूकता शिविरों में यह सुनिश्चित किया जाए कि स्वस्थ मां और बच्चे के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थों  के अतिरिक्त एक दिन में  कितना प्रोटीन लेना आवश्यक है इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

जिला बाल कल्याण व संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री सुखाश्रय योजना के अन्तर्गत जिला बिलासपुर 130 पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री सुखाश्रय योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा, कोचिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण, शादी अनुदान, घर निर्माण, स्टार्ट- अप के लिए सहायता राशि तथा गृह निर्माण के लिए भूमि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि जिला में तीन बाल देखरेख संस्थान कार्यरत है। उन्होंने अधिकारियों के निर्देश दिये कि जिला में बाल मजदूरी , बाल शोषण की बुराई के प्रति जन मानस  को जागरूक करें तथा दुकानों, फैक्टरियों, ढाबों का नियमित तौर पर निरिक्षण करें।

बैठक में डीएसपी मदन लाल धीमान, कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा, जिला कल्याण अधिकारी रमेश वंशल, पीओ डीआरडीए यश पाल, बाल संरक्षण अधिकारी शैली गुलेरिया, जिला पंचायत अधिकारी डॉ तिलक राज के अतिरिक्त सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।