प्रदेश के लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं,,,,,,,30.90 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ट्रॉमा ब्लॉक लोगों को समर्पित किया।

प्रदेश के लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं,,,,,,,30.90 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ट्रॉमा ब्लॉक लोगों को समर्पित किया।

  अक्स न्यूज लाइन ..शिमला, 12 मई -  2023
प्रदेश में लोगों को उनके घरद्वार के निकट विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा प्रत्येक चिकित्सा खंड में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हाईटेक अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को उपचार के लिए बड़े शहरों और प्रदेश से बाहर की ओर रुख न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में प्रदेश के इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय (आईजीएमसी) में लगभग 30.90 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ट्रॉमा ब्लॉक लोगों को समर्पित किया। ट्रॉमा ब्लॉक में फिजियोथैरेपी वार्ड, स्पेशल वार्ड, आपातकालीन चिकित्सा इकाई, गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) बेड, आईसोलेशन वार्ड सहित सीटी स्कैन, एक्स-रे, सैंपल एकत्रीकरण केंद्र तथा पैथोलॉजी प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही हैं। घायलों व गंभीर रोगियों के उपचार संबंधी वरीयता के लिए यहां अलग व्यवस्था की गई है।
इस ब्लॉक के निर्मित होने से लोगों को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मिलने के साथ साथ यहां सेवाएं देने वाले डॉक्टरों एवं अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को कार्य करने के लिए उचित वातावरण उपलब्ध हो रहा है। आईजीएमसी में मशीनरी तथा उपकरणों के लिए 12 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। यह उपकरण व मशीनरी, संस्थान के सर्जरी, ऑर्थोपीडिक्स, न्यूरो-सर्जरी, रेडियोलॉजी तथा एनस्थिसिया विभाग में उपयोग में लाए जाएंगे। इस सेंटर के साथ 175 बिस्तरों वाली चिकित्सा आपातकालीन सुविधा स्थापित करने के लिए सरकार ने 11 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अतिरिक्त टांडा मेडिकल कॉलेज में पैट स्कैन मशीन स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
प्रदेश के जिला ऊना में 38 एकड़ के परिसर पर 450 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं वाले 300 बिस्तरों की क्षमता वाले पीजीआई सैटेलाइट केंद्र निर्मित किया जाएगा। यह सैटेलाइट सेंटर जिला ऊना में स्थापित होने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस केंद्र में 283 करोड़ रुपये से भवन निर्माण और शेष राशि का उपयोग उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा।
प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों के फलस्वरूप इस सेंटर के निर्माण के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा वन स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस केंद्र के स्थापित होने से जिला ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध होंगी।
राज्य सरकार विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की वन स्वीकृति के मामले प्राथमिकता के आधार पर केन्द्र सरकार के समक्ष उठाती रही है। मुख्यमंत्री ने कैंसर रोगियों की सुविधा के लिए हमीरपुर में केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना के लिए पैरवी की है। प्रदेश सरकार ने सरकारी उपकरणों की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन गठित किया है। शिमला, टांडा, नेरचौक, हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों में रोबोटिक्स सर्जरी जैसे अत्याधुनिक कोर्स शुरू करवाए जाएंगे जिससे स्वास्थ्य अधोसंरचना सुदृढ़ होगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व बदलाव प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। वर्तमान में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों से स्वास्थ्य क्षेत्रों का कायाकल्प हो रहा है।
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