पहले 1000 दिनों में होती है बच्चे की सबसे ज्यादा ग्रोथ’ ग्राम पंचायत जंगल, पटलांदर और सपाहल में आयोजित किए जनसंवाद कार्यक्रम

पहले 1000 दिनों में होती है बच्चे की सबसे ज्यादा ग्रोथ’ ग्राम पंचायत जंगल, पटलांदर और सपाहल में आयोजित किए जनसंवाद कार्यक्रम

 अक्स न्यूज लाइन -- हमीरपुर,  22  फरवरी 2023
 जीवन के प्रथम 1000 दिनों की अवधि, जोकि गर्भधारण से शुरू होकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक का काल होता है, बच्चे के जीवन, स्वास्थ्य, वृद्धि और विकास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय होता है। इस अवधि के दौरान वृद्धि एवं विकास की दर सबसे ज्यादा होती है। इस दौरान उचित पोषण, सही स्वास्थ्य, सुरक्षा, आरंभिक प्रोत्साहन एवं प्रेरणादायक माहौल से बच्चे को संपूर्ण सफलता के शिखर तक पहुंचाया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ‘सशक्त महिला योजना’ एवं ‘वो दिन योजना’ के तहत विकास खंड सुजानपुर की ग्राम पंचायत जंगल, पटलांदर और सपाहल में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने यह जानकारी दी।
  उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपने शुरुआती वर्ष, विशेष रूप से पहले 1000 दिन पोषक एवं प्रेरक वातावरण में बिताते हैं तो उनका मस्तिष्क श्रेष्ठ गति से विकसित होता है। अच्छा पोषण, सुरक्षा, स्नेह एवं प्रोत्साहन बच्चों के मस्तिष्क में तंत्रिका संबंधों (न्यूरो कनेक्शंस) को जन्म देते हैं। तंत्रिकाओं का यह संबंध बच्चे की संज्ञात्मक क्षमता, उसके स्वास्थ्य और प्रसन्नता, सीखने और सोचने की शक्ति, तनाव से निपटने और रिश्ते बनाने की क्षमता को निर्धारित करता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के इन शुरुआती चरणों के विकासात्मक महत्व तथा इसमें उचित पोषण, प्रेरक वातावरण, स्नेह और सहयोग की आवश्यकता के दृष्टिगत भारत सरकार ने ‘पालन 1000’ एवं यूनिसेफ ने ‘सुपर डैड’ नाम से पेरेंटिंग ऐप की शुरुआत की है जो अभिभावकों, परिवारों और देखभालकर्ताओं को बुनियादी प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनकी विभिन्न शंकाओं का निवारण करता है और बाल विकास के उनके प्रयासों को निर्देशित करता है।
  कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, जलशक्ति, कृषि एवं बागवानी विभागों के सामूहिक एवं समन्वित प्रयास से आयोजित किए जा रहे जनसंवाद कार्यक्रमों में पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्वच्छता, आहार विविधता, सूक्ष्म पोषक तत्व पूरकता, बायोफोर्टिफिकेशन, न्यूट्रीशन स्मार्ट एग्रीकल्चर जैसे उपयोगी एवं उत्पादक विषयों पर स्थानीय समुदाय को जानकारी दी जा रही है। इनका उद्देश्य समुदाय के संगठित प्रयासों द्वारा पोषण एवं स्वास्थ्य को उन्नत करना और परिस्थितियों पर नियंत्रण के माध्यम से जीवन को गुणवत्तापरक एवं जीवन- अवधि को दीर्घ बनाने की कला और विज्ञान का विस्तार करना है। इस अवसर पर कुपोषित बच्चों की विशेष जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर और इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के दृष्टिगत मोटे अनाजों के स्वास्थ्य लाभों पर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
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