युवाओं की बात को सुने और गेस्ट टीचर पॉलिसी वापस ले सरकार: जयराम ठाकुर

युवाओं की बात को सुने और गेस्ट टीचर पॉलिसी वापस ले सरकार: जयराम ठाकुर

अक्स न्यूज लाइन धर्मशाला 16 दिसंबर : 
धर्मशाला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की मनमानी नहीं चलेगी। जब जो मन में आए उसे पॉलिसी बनाकर प्रदेश के ऊपर नहीं थोपा जा सकता। सरकार अपनी तानाशाही से बाज आए और अपने वादे के मुताबिक गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस ले। सुक्कू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी न सिर्फ युवाओं बल्कि छात्रों के लिए भी घातक है। सरकार ने जो वादा किया था वह निभाए और युवाओं को पक्की नौकरी दे। अब तक सरकार के नुमाइंदों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म पर गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर जिस तरीके की बातें की गई है उससे यह स्पष्ट है कि यह पॉलिसी एक बार फिर से पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी कराएगा। इसलिए अभी समय है सरकार बिना प्रदेश की किरकिरी करवाए युवाओं के भविष्य विरोधी, छात्रों की शिक्षा विरोधी और प्रदेश की छवि खराब करने वाली पॉलिसी को वापस ले।


जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री भले ही इस पॉलिसी  गुणगान करें, प्रदेश में घूम-घूम कर इसे अपनी उपलब्धि और मास्टर स्ट्रोक बताएं लेकिन यह पॉलिसी सुक्खू सरकार द्वारा अब तक उठाए गए सभी जन विरोधी कदमों में सबसे बड़ा कदम है। जो युवाओं के वर्तमान के साथ-साथ नौनिहालों का भविष्य भी खराब करेगा। अगर यह पॉलिसी इतनी ही कारगर और जनहितकारी होती तो इस पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के लोग सड़कों पर नहीं होते। इस पॉलिसी के विरोध में छात्रों के अभिभावक सड़कों पर नहीं होते। पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के युवा सड़कों पर नहीं होते। पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के छात्र संगठन, सामाजिक संगठन सड़कों पर नहीं होते। 75 लाख की आबादी में से हिमाचल के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा प्रदेश का एक भी व्यक्ति में यदि इस पॉलिसी की प्रशंसा की हो तो सरकार बताए। सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी किसी भी स्थिति में स्वीकार करने योग्य नहीं है। 


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार अब प्रदेश के लोगों को बरगलाना बंद करें और जनहित में काम करना शुरू कर दे। मंचों से खड़े होकर बड़ी-बड़ी बातें करना छोड़े और प्रदेश के लोगों के बारे में सोचे। सरकार के खिलाफ मात्र 2 साल के कार्यकाल में ही प्रदेश के लोग इस कदर सड़कों पर हैं तो यह हालत प्रदेश के लिए भी सही नहीं है। सरकार जमीनी हकीकत को समझे, जनता के मुद्दों को जाने और उनका निस्तारण करे। अगर मुख्यमंत्री चाहते हैं कि वह और उनका पूरा मंत्रिमंडल झूठ की दुकान पर अपने पकवान बेचे तो अब यह हो नहीं सकता।  काठ की हांडी सिर्फ एक बार चढ़ती है और वह पिछले विधानसभा चुनाव में चढ़ गई है। जब हर साल एक लाख नौकरियां और 5 साल में 5 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आए हो तो अपने वादे निभाओ और लोगों को नौकरियां दो। प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को सत्ता रोजगार के लिए दी थी झूठ के कारोबार के लिए नहीं।