चुनावी खर्च पर निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर: डॉ. कुंदन यादव
डॉ. कुंदन यादव ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न करवाने, आदर्श आचार संहिता की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने तथा इस अवधि के दौरान धन और बाहुबल का प्रयोग रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर रहती है। इसी के मद्देनजर व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती है तथा प्रत्येक जिला और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर अलग-अलग टीमें तैनात की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि इन सभी टीमों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने बहुत ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी टीमों के नोडल अधिकारियों एवं सदस्यों को इन दिशा-निर्देशों का अध्ययन करना चाहिए तथा फील्ड में इन्हीं के अनुसार त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह की कोताही या विलंब होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
व्यय पर्यवेक्षक ने स्टैटिक सर्विलांस टीमों के अधिकारियों से कहा कि वे सभी वाहनों की चैकिंग करके इनका ब्यौरा रजिस्टर में अवश्य दर्ज करें। उन्होंने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे शराब के स्टॉक और परिवहन का भी पूरा रिकॉर्ड मैंटेन करें तथा शराब की गाड़ियों की मूवमेंट पर नजर रखें। बैंकों के नोडल अधिकारी भी संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट प्रेषित करें। उपहारों और अन्य सामग्री के वितरण पर भी नजर रखें।
डॉ. कुंदन यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार गति पकड़ेगा और इस दौरान रैलियों एवं चुनावी जुलूसों के आयोजन के साथ-साथ स्टार प्रचारकों की आवाजाही भी बढ़ेगी। इन आयोजनों के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना और उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सही गणना सुनिश्चित करने के लिए सभी टीमंे पूरी तरह तैयार रहें। अगर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों को लेकर कोई शंका है तो वे वरिष्ठ अधिकारियों या व्यय पर्यवेक्षक से भी संपर्क कर सकते हैं।
बैठक में उपायुक्त अमरजीत सिंह ने जिला में व्यय निगरानी से संबंधित विभिन्न प्रबंधों से अवगत करवाया तथा सभी नोडल अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। एसपी पदम चंद, एडीसी मनेश यादव और अन्य अधिकारियों ने भी विभिन्न प्रबंधों की जानकारी दी।