अक्स न्यूज लाइन शिमला 11 अप्रैल :
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल के अस्पतालों में फिर से यूजर चार्ज लगने की अटकलें के बीच स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने राज्य सचिवालय में एक नया दावा किया है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि राज्य के अस्पतालों में पर्ची बनाने के 10 रुपए लेने शुरू करेंगे, तो लोग पर्ची गुम नहीं करेंगे। नहीं तो बार-बार अस्पतालों का काम बढ़ता है और हर बार नए सिरे से पर्ची बनानी पड़ती है।
सुरेश कश्यप ने धनीराम शांडिल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य मंत्री का खुद ही स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उनका स्वास्थ्य लाभ लेना चाहिए,क्योंकि जिस प्रकार की बयान बाजी मंत्री जी कर रहे हैं उसे ऐसा प्रतीत होता है की स्वास्थ्य मंत्री अपना दिमागी स्वास्थ्य को चुकी है।
अभी तक तो केवल कांग्रेस पार्टी में ही मानसिक दिवालियापन था पर अब तो मंत्रालय तक भी यह दिवालियापन पहुंच चुका है और अगर ऐसी बयान बाजी जारी रही तो उसे हिमाचल प्रदेश की भोली भाली जनता का क्या होगा। ऐसा बयान देने से पहले स्वास्थ्य मंत्री को कम से कम 100 बार सूचना चाहिए, जहां वर्तमान केंद्र सरकार और पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनता को मुफ्त सुविधाएं दे रही थी वहां हर मुफ्त सुविधा पर शुल्क लगाकर वर्तमान कांग्रेस सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की बात करती है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आयुर्वेद का गुणगान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर हिमाचल के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल बदहाल हालत में पड़े हैं। लाखों-करोड़ों का बजट खर्च हो रहा है, पंचकर्म वेलनैस सेंटर खोले जा रहे हैं, लेकिन आम जनता कहती है कि इलाज़ नहीं, दिखावा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री को ऐसे मुद्दों पर काम करना चाहिए जहां वर्तमान जनता को आयुर्वेदिक सिस्टम पर भरोसा हो ऐसी नीति तैयार करनी चाहिए। हिमाचल में कुल 1175 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र और 34 अस्पताल हैं। बजट तो इस सुविधा के लिए है, पर वह पैसा खर्च नहीं होता है, अगर एक पंचकर्म सेवा केंद्र से यदि डॉक्टर ट्रांसफर हो जाए सेवा केंद्र ही बंद हो जाता है।