अक्स न्यूज लाइन नाहन 21 अगस्त :
विधानसभा सत्र में डॉ. वाई.एस. परमार को भारत रत्न देने का गैर सरकारी संकल्प पेश करने के पश्चात मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि डॉ. परमार कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे, वे एक ऐसी सोच थे जिनकी बदौलत आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार की दूरदर्शी सोच और अथक संघर्ष के कारण ही हमें एक अलग पहचान मिली और हिमाचल प्रदेश आज पहाड़ी राज्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह केवल एक राजनीतिक प्रस्ताव नहीं, बल्कि हर एक हिमाचली के गौरव की बात है।
वीरवार शाम 4 बजे मिली जानकारी के अनुसार अजय सोलंकी ने कहा कि “डॉ. परमार की सादगी और त्याग से हमें बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने बिना स्वार्थ और बिना दिखावे के केवल जनता की सेवा को ही अपना उद्देश्य बनाया। उनकी सादगी, उनका संघर्ष और उनका साधारण जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। हमें उनसे यही सीखना चाहिए कि राजनीति का मूल उद्देश्य सेवा हो, न कि स्वार्थ।” उन्होंने क़हा कि यदि केंद्र सरकार डॉ. वाई.एस. परमार को भारत रत्न से अलंकृत करती है, तो यह केवल एक सम्मान नहीं होगा, बल्कि हर हिमाचली के हृदय की आवाज़ और गौरव का क्षण होगा।
अजय सोलंकी ने कहा कि हम सब खुशनसीब हैं कि हिमाचल को ऐसा निर्माता मिला, जिसकी दृष्टि और सादगी ने हमारे प्रदेश को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। आज हमें यह और भी खुशी है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी डॉ. परमार के ही नक्शे कदम पर चल रहे हैं। जिस प्रकार डॉ. परमार का सपना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना था, उसी सोच को मुख्यमंत्री जी आज अपनी नीतियों और कार्यशैली के माध्यम से साकार कर रहे हैं। हिमाचल आज जो है, वह डॉ. वाई.एस. परमार की दूरदृष्टि, संघर्ष और त्याग का परिणाम है, और वर्तमान सरकार उनके सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।