हिमाचल में मीडिया पॉलिसी को लेकर सरकार नही दिखा रही रुचि बजट में मीडिया की फिर से अनदेखी:सूरत पुंडीर

हिमाचल में मीडिया पॉलिसी को लेकर सरकार नही दिखा रही रुचि बजट में मीडिया की फिर से अनदेखी:सूरत पुंडीर

अक़्स न्यूज लाइन, नाहन -- 18 फरवरी 

 हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट भले ही सभी क्षेत्र के हित में माना जा रहा हो परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ सरकार की योजनाओं के लिए कंधे से कंधा मिलाकर आम जनों तक पहुंचाने की भूमिका निभाने वाले मीडिया के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में मीडिया पॉलिसी की मांग लगातार उठाई जा रही है परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार मीडिया कर्मियों के लिए ना तो स्थाई पॉलिसी बना रही है ना ही बजट में आवास व पेंशन की कोई सुविधा दी गई है ।

सिरमौर प्रेस क्लब नाहन के अध्यक्ष शैलेंद्र कालरा, महासचिव सतीश शर्मा व प्रवक्ता सूरत पुंडीर ने यहां जारी बयान में कहा के एक और तो सरकार मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मानती है तो दूसरी और बजट में मीडिया कर्मियों के लिए किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं किया जाता है ।सिरमौर प्रेस क्लब नाहन के पदाधिकारी ने बजट पर निराशा जताते हुए कहा के सरकार एक और तो उम्मीद करती है कि सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचने में मीडिया हर पल सरकार का सहयोग करें तो दूसरी और मीडिया कर्मियों के लिए सरकार किसी भी प्रकार का प्रावधान बजट में नहीं करती है ।

सिरमौर प्रेस क्लब नाहन के प्रवक्ता सूरत पुंडीर ने सरकार के मीडिया की अनदेखी की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया कर्मियों के लिए सरकार हिमाचल प्रदेश में हरियाणा की तर्ज पर मीडिया पॉलिसी बनाएं जिसमें मीडिया कर्मियों के लिए जिला स्तर पर भी आवास व पेंशन की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। सिरमौर प्रेस क्लब के पदाधिकारी ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की की हिमाचल सरकार प्रदेश में कठिन भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हरियाणा की तर्ज पर मीडिया पॉलिसी बनाएं ताकि मीडिया कर्मियों को भी अपने क्षेत्र में काम करने के बाद सेवानिवृत्ति के उपरांत कुछ लाभ सरकार के स्तर पर भी मिल सके ।

सिरमौर प्रेस क्लब के पदाधिकारी ने हिमाचल सरकार से मांग की की लोक संपर्क विभाग के माध्यम से मीडिया कर्मियों को सरकार की ओर से कुछ लाभ सुनिश्चित किया जाए जिनका मासिक भुगतान मीडिया कर्मियों को किया जाए। इसके अलावा बीमारी की स्थिति में मेडिकल बिलों के भुगतान व अन्य सुविधाओं का भी लाभ प्रदान किया जाए।