हरियाली तीज 19 अगस्त को..... हरियाली तीज में महिलाओं को सौंदर्य टिप्स..... शहनाज हुसैन
अक्स न्यूज लाइन -- नई दिल्ली , 15 अगस्त - 2023
हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज मनाई जाएगी / इस उत्सव को श्रावणी तीज या कजरी तीज भी कहते हैं/
इस त्यौहार में महिलाएं सोलह सिंगार करके गौरी शंकर जी की पूजा अर्चना करती हैं
गर्मियों के मौसम के बाद महिलाएं वर्षा ऋतु का तीज उत्सव मनाकर स्वागत करती हैं,/ हरियाली तीज उत्तर भारत की महिलाओं का धार्मिक त्यौहार ही नहीं बल्कि प्राकृतिक उत्सव मानाने का खास दिन माना जाता है जब महिलाएं दुल्हन की तरह सजती और संवरती हैं/
तीज मेहंदी , लहरिया ,झूले, चूड़ियों और श्रृंगार का पावन पर्व माना जाता है / बरसात के मौसम में धरती माँ द्वारा औड़ी गई हरियाली की चादर में मनाये जाने बाले इस त्यौहार में सुहागिन महिलायें हाथों पर हरी मेहँदी लगाकर प्रकृति से जुड़ने की अनुभूति करती हैं /तीज में सहेलियां सामूहिक रूप से झूला झूलती हैं तथा इसमें गीत संगीत , तीज मिलन , सामूहिक भोज और मिष्ठानों का आदान प्रदान सामाजिक समरसता को सुदृढ़ बनाता है /इस दिन बिबाहित हिन्दू महिलाएं अपने सुहाग की लम्बी उम्र के लिए एक दिन निर्जला ब्रत रखती हैं जबकि कुंवारी कन्याएँ मनचाहे बर की प्राप्ति के लिए दिन भर व्रत रखती हैं /
सावन की फुहारों में मनाये जाने बाले इस पवित्र पर्व पर महिलायें प्रेम की फुहारों से अपने परिवार की खुशहाली तथा वंश वृद्धि की कामना करती हैं / यह त्यौहार राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी राज्यों में काफी धूम-धाम से मनाया जाया जाता है। हरियाल तीज में महिलायें ब्रत रखती हैं तथा झूला झूलती हैं /
इस त्यौहार में विवाहित महिलाऐं भगबान शिव और माँ पार्वती की आराधना और उपवास रखकर अपने पति के चिरआयू तथा समृद्धि की कामना करती है। इस त्यौहार में महिलाएंे मेंहदी, चूड़ियां, बिंदी तथा सुन्दर परिधानों से सुसज्जित होती है तथा सौंदर्य इस त्यौहार का मार्मन्त अंग है। हालाँकि महिलाओं की ख्वाहिश हमेशा से सुन्दर दिखने की रहती है लेकिन हरे रंग की चादर ओढे प्राकृतिक बाताबरण में मेकअप के दौरान कुछ उपायों को अपना कर आप न केवल सुन्दर बल्कि सवसे अलग भी दिख सकती हैं
इस त्यौहार में कुछ प्राकृति आर्युवेदिक प्रसाधनों का प्रयोग करने से आपके सौंदर्य को चार चांद लग सकते है।
प्राचीन समय में शारीरिक सौंदर्य के लिए घरेलू उबटन का प्रयोग किया जाता था। उबटन मुख्यतः चोकर, बेसन, दही, मलाई तथा हल्दी के मिश्रण से बनाया जाता था। इन सबको पीसकर मिश्रण को नहाने से पहले शरीर पर लगाया जाता था। इसे नहाने के समय ताजे पानी से धोया जाता था जिससे शरीर की मृतक कोशिकाऐं हटाने में मदद मिलती थी जिससे शारीरिक त्वचा कोमल तथा मुलायम बन जाती है।
सबसे पहले शरीर की तिल के तेल से मालिश की जाती थी तथा उसके बाद उबटन लगाया जाता था जिसे आधे धंटे के अन्तराल के बाद नहाकर
धो डाला जाता था। इस उबटन में विद्यामन विभिन्न तत्वों को रगड़ने तथा
धोने से त्वचा की मृतक कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती थी तथा त्वचा में कोमलता तथा निर्मलता का निखार आ जाता था।
मैं महिलाओं को सलाह दूंगी कि तीज के त्यौहार में आप आज के समय में भी प्राकृतिक घरेलू आर्युवैदिक पदार्थो का सहारा लेकर उबटन तैयार कर अपने सौंदर्य को चमका सकती है। अपने चेहरे को सुन्दरता के लिए आप घर बैठे सौंदर्य प्रसाधन बना सकती है। आप दो चम्मच चोकर में एक चम्मच बादाम तेल, दही, शहद तथा गुलाब जल मिश्रित कर लीजिए। इसमें आप सूखे पुदीने की पत्तियों का पाऊडर मिला लीजिए। इसके चेहरे पर लगाने से चेहरे में प्राकृतिक आभा तथा चमक दमक आ जाएगी/ इन सब तत्वों को मिश्रित कर के पेस्ट बना लीजिए तथा आंखों तथा होठों को छोड़कर बाकी पूरे चेहरे पर लगा लीजिए। इसे चेहरे पर 30 मिनट तथा लगा रहने दीजिए तथा बाद में स्वच्छ ताजे पानी से धो डालिए।
तीज के त्यौहार में बालों की सुन्दरता के लिए शुद्ध नारियल तेेल को गर्म करके इसे बालों तथा सिर की खाल पर लगा लीजिए इसके बाद एक तौलिए को गर्म पानी में डुबोकर गर्म पानी को निचोड़ दीजिए तथा उस तोलियें को पगड़ी की तरह 5 मिनट तक सिर पर लपेट लीजिए। इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराइए। इस प्रक्रिया से बालों तथा सिर की खाल को तेल को थामें रखने में मदद मिलती है। इस तरह तेल को एक घंटा तक बालों में लगाने के बाद बालों को साफ पानी से धो डालिए। निर्जीव तथा थकी आंखों के लिए काटनवुल पैड को गुलाब जल में भीगो दीजिए तथा इसे आंखें बंद करके आई पैड की तरह प्रयोग करके 10 मिनट तक नीचे लेटकर आराम कीजिए। इससे आंखों की थकान मिटती है तथा आंखों में प्राकृतिक चमक आ जाती है। गुलाब की सुगन्ध का मस्तिक पर शन्तिवर्धक प्रभाव पड़ता है।
मेकअप:
तीज में महिलाऐं दुल्हन की तरह सजती, संवरती है इस त्यौहार में महिलाएं मेहन्दी पारम्पारिक पहनावें, गहने तथा सौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करती है।
तीज जैसे त्यौहारों को चकाचैंध रोशनी में मनाया जाता है तथा इसके सौन्दर्य के लिए आपको चमकीले रंगों की जरूरत होती है अन्यथा आप कांतिहीन दिखेंगी।
सबसे पहले त्वचा को साफ करके इस पर तरल माॅइस्वराइजर लगाइए। तैलीय त्वचा के लिए अस्ट्रिन्जट लोशन का उपयोग कीजिए।
कुछ मिनटों के बाद त्वचा के दाग धब्बों को कंसीलर से कवर करके अप्लाई कीजिए।
फांउडेंशन का उचित चुनाव करते समय अगर आपकी त्वचा काफी साफ है तो हल्दी गुलाबी टोन वाले मटमैले रंगों का चयन करें।
यदि आपकी त्वचा का रंग साफ है लेकिन पीला पड़ गया है तो गुलाबी टोन को छोड़कर मटमैले या बिस्किट रंग का चयन करें। सांवले रंग वाली महिलाओं के लिए भूरे मटमैले फाउंडेशन से बेहतर सौंदर्य प्राप्त कर सकती है।
तीज जैसे विशेष त्यौहार के लिए आप गोल्ड फांउडेशन का चयन भी कर सकती है। इसे चेहरे पर लगाकर गीले स्पंज से ब्लेन्ड कीजिए। गालों को ब्लशर से चिन्हांकित कीजिए। इसे गालों पर लगाकर अहिस्ता से ऊपर तथा नीचे की तरफ घुमाऐं। इसके बाद गालों पर हल्के रंग हाइलाइटर लगाकर अच्छे तरीके से ब्लेड करें।
रात्रि के समय ब्लशर रंगों का होठों के रंगों से मेल जरूरी नहीं हैं लेकिन टोन का रंग सामान्य एक जैसा होना चाहिए।
यदि आपने नांरगी लपिस्टक लगाई है तो गुलाबी ब्लश से दूर रहिए।
आंखों की सुन्दरता के लिए आंखों की ऊपरी पलक पर हल्के भूरे प्रतिबिम्ब को लगाइए। क्रीम में गहराई के लिए गहरे भूरे आई शैडों का प्रयोग करें। आंखों को गहरे आई पेंसिल से सीमांकित करें। स्मज प्रभाव के लिए आंखों की ऊपरी परत पर गहरी आई शैडो भी अच्छा प्रभाव देती है।
तीज के त्यौहार में ब्रोंज शैडो को ऊपरी परत पर आईलाईनर को लाईन करने के लिए आप गोल्ड सिल्वर तथा ब्रोंज शैडो का प्रयोग कर सकती है। सामान्य भारतीय रंग के लिए आप लिपस्टिक में मूंगियां, लाल, गहरे लाल रंग की शेड की लिपस्टिक का प्रयोग कर सकती है। गहरा गुलाबी रंग भी काफी जच सकता है। ज्यादातर त्वचा के रंगों में नारंगी शेड भी काफी सराही जाती है।
किसी भी भारतीय त्यौहार में बिन्दी सौंदर्य का अभिन्न अंग मानी जाती है। अपनी पोशाक से मिलती जुलती चमकती बिन्दी का जरूर प्रयोग करें। चमकीले रत्नों से जड़ित तथा चमकीले रंगेों से सुसज्जित बिन्दी काफी आर्कषक दिखती है।
लेखिका अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के रूप में जानी जाती हैं