योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन एवं बेहतर जागरूकता आवश्यक - मनमोहन शर्मा

योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन एवं बेहतर जागरूकता आवश्यक - मनमोहन शर्मा

 अक्स न्यूज लाइन सोलन 20 दिसंबर : 

उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि समाज के कमज़ोर वर्गों के कल्याण के लिए योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन और समय-समय पर लागू नियमों के विषय में लोगों को जागरूक बनाकर शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।

मनमोहन शर्मा आज यहां प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम की त्रैमासिक, अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति, राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत गठित स्थानीय स्तरीय समिति, दिव्यांगजन अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि योजनाएं एवं नियम कार्यान्वित करते समय बेहतर समन्वय, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करें ताकि पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर प्राप्त हो सके।

उपायुक्त ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदाय के लिए व्यक्तिगत तथा आधारभूत विकास योजनाओं का कार्यान्वयन कर उनका आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक उत्थान करना है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत 62 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उनके अधीनस्थ संस्थानों में भेदभाव की कोई भी घटना न हो।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नया 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत ज़िला में अल्पसंख्यकों को विभिन्न आर्थिक क्रियाकलापों के लिए 05 मुस्लिम समुदाय के लोगों को 30 लाख रुपए और सिख समुदाय के लोगों को लगभग 10 लाख रुपए तथा सिख समुदाय के एक छात्र को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए 18 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।  

बैठक में अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम की एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता, विद्यालय शिक्षा की उपलब्धता को सुधारने, अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन बस्तियों की स्थिति में सुधार, उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधन, गरीबों के लिए स्वरोज़गार तथा मज़दूरी रोज़गार योजना, ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल उन्नयन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अन्तर्गत गठित स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक में मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अभी तक 223 कानूनी संरक्षक  नियुक्त किए गए हैं जबकि 03 नए कानूनी संरक्षक बनाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए ज़िला स्तर पर कार्यशाला व ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकंे।

उन्होंने कहा कि विभिन्न अधिनियमों की जानकारी के लिए जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जागरूक नागरिक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। 

ज़िला कल्याण अधिकारी गावा सिंह नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी अशोक वर्मा, सहायक आयुक्त नीरजा शर्मा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शालिनी पुरी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी आई.सी.डी.एस. डॉ. पदम देव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।