मतदाता पंजीकरण के लिए अब होंगी चार अर्हता तिथियां: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

मतदाता पंजीकरण के लिए अब होंगी चार अर्हता तिथियां: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

  मतदाता सूचियों में सभी पात्र लोगों विशेषकर युवाओं के नाम शामिल करने के लिए अब भारत निर्वाचन आयोग ने साल में चार अर्हता तिथियां यानी कट ऑफ डेट्स निर्धारित की हैं। आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 14 (बी) में संशोधन करके मतदाताओं के पंजीकरण के लिए 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्तूबर अर्हता तिथियां निर्धारित की हैं। आयोग के इस निर्णय से युवाओं को आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू और कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए खुद को नए मतदाता के रूप में नामांकित करने में मदद मिलेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज यहां राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में यह जानकारी दी।
 उन्होंने बताया कि पहले मतदाताओं के पंजीकरण के लिए कट ऑफ यानी योग्य तिथि 1 जनवरी होती थी। इससे कई युवा मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण करवाने से वंचित रह जाते थे, लेकिन निर्वाचन आयोग के ताजा संशोधन के बाद अब युवा उपरोक्त चार तिथियों के अनुसार अपने नाम मतदाता सूचियों में दर्ज करवा सकेंगे।
मनीष गर्ग ने बताया कि मतदाता सूचियों को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया एक अगस्त 2022 से शुरू कर दी गई है। त्रुटिरहित एवं पारदर्शी मतदाता सूचियां तैयार करने के लिए यह प्रक्रिया आरंभ की गई है और यह पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई मतदाता अपने आधार नंबर को मतदाता सूचना कार्ड से लिंक नहीं करना चाहता है तो उस मतदाता का नाम नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से आधार नंबर को इलेक्टॉनिक रूप से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) www.nvsp.in या मतदाता हेल्पलाइन ऐप (वीएचए) पर फॉर्म 6 बी उपलब्ध है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आयोग ने निर्वाचन क्षेत्र बदलने, निवास स्थान बदलने और मतदाताओं द्वारा मतदाता सूची में दर्ज किए गए व्यक्ति के विवरण में सुधार करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। वीएचए और एनवीएसपी पर उपलब्ध फॉर्म 8 भर कर इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मतदाता इस संबंध में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) से भी संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 16 अगस्त से 11 सितंबर तक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जाएगा और इसे सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ घर-घर जाएंगे। मतदाता पंजीकरण के लिए 27 व 28 अगस्त और 3 और 4 सितंबर को मतदाताओं के पंजीकरण की पुष्टि करने या ऐसे पात्र सदस्य जिनका मतदाता सूची में पंजीकरण नहीं हुआ है, को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इससे पहले, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ निर्वाचन आयोग के मतदाता जागरूकता कार्यक्रम ‘स्वीप’ की कोर कमेटी की बैठक की। इस वर्चुअल बैठक में मनीष गर्ग ने इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (ईएलसी) के माध्यम से 18 से 19 आयु वर्ग के नए मतदाताओं के नामांकन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के समूहों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंसी थ्रू सिस्टेमेटिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्स यानि ‘उत्सव’ के माध्यम से अधिक से अधिक नए मतदाताओं का पंजीकरण किया जा सके।
उन्होंने उपायुक्तों को व्यक्तिगत रूप से उन मतदान केंद्रों का दौरा करने के भी निर्देश दिया, जहां पिछले विधानसभा चुनावों में कम मतदान हुआ था। उन्होंने चुनाव पाठशाला आयोजित करने और जागरुकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूद कुल 7813 मतदान केंद्रों में 68 नए मतदान केंद्र और जोड़े गए हैं, जिससे अब कुल मतदान केंद्रों की संख्या 7881 हो गई है। उन्होंने नए बीएलओ नियुक्त करने, उन्हें प्रशिक्षण देने और पहले से कार्य कर रहे बीएलओ के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के भी निर्देश दिए।
मनीष गर्ग ने मतदाताओं को ऑनलाइन माध्यमों के साथ-साथ त्योहारों, ट्रैकिंग, फ्लैग मार्च, मैराथन और अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने प्रदेश में 100 साल से अधिक आयु के 1334 मतदाताओं को उचित सुविधा प्रदान करने और युवाओं को रिकॉर्डिड संदेशों से प्रेरित करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग, नेहरू युवा केंद्र और निर्वाचन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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