किसानों और कृषि विशेषज्ञयों के बीच की दूरी को कम करने की है आवश्यकता : धमार्णी
किसानों, बागवानों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा आधुनिक तकनीक व परम्परागत खेतीबाड़ी करने से किसान अपनी आय को बढ़ा सकते है। उन्होने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए अधिकारी फिल्ड में जाकर उनकी समस्याओं का सुने और उनका समाधान करने के लिए हर सम्भव प्रयास करें। इसके साथ ही अधिकारियों को जागरूकता शिविर करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है। उन्होेने कहा कि सरकार की इन योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुचाने के लिए लगातार प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फील्ड में जाए और किसानों से सम्पर्क साधे ताकि विज्ञानिकों और किसानों के बीच की दूरी को कम किया जा सकें जिससे किसानों को खेतीबाड़ी के बारे में आवश्यक मार्गदर्शन मिल सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन्टरनेट के माध्यम से भी कृषि के सम्बन्ध में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती है। यदि इन जानकारियों का सही तरीके से खेतीबाड़ी मे उपयोग करे तो किसान लाभान्वित हो सकते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि किसान समृद्ध बने। ग्रामीण व्यवस्था सुदृढ़ हो जिसके लिए उन्होने किसानों से किसान क्रेडिड कार्ड बनाने का आग्रह किया ताकि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सके। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे बिना युरिया के फसलों की पैदावार करें इससे उन्हें रेट भी ज्यादा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पशु पालको की आर्थिकी मे सुधार हो इसके लिए गाय और भैंस के दुध का न्यूनतम मुल्य निर्धारित किया गया है और आने वाले समय में इस मुल्य मे अधिक बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि कांगड़ा में 280 करोड़ की लागत से मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को उत्तम क्वालीटी का दूध उपलब्ध करवाया जा सके। इसके साथ ही हिम कृषि उन्नत योजना को भी लागू किया गया है इसके माध्यम से कलस्टर बनाएं जाएगें। आपसी तालमेल से भूमि प्रवंधन किया जाएगा जिससे किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गांव में सर्विस प्रोवाईडर तैयार किए जाएं जिनके पास पावर ट्रिल्लर, स्प्रेयर, ट्रैक्टर की पूरी सुविधा हो ऐसे ही पोस्ट हारवेटिंग के लिए भी सर्विस प्रोवाईडर हों जो फल उत्पाद से जैम, सेविंया, जूस आदि तैयार कर सकें। इससे गांव की जरूरते व आवश्कतांए गावं में ही पूरी हो जाएगीं और युवाओं को भी अपने गांव स्तर पर स्वरोजगार की उपल्वधता होगी।
उन्होने विभाग के अधिकारियों से सब्जियों को लम्बे समय तक संरक्षित करने के लिए ड्रायर के विकल्प तलाशने पर विचार करने को कहा ताकि इसका प्रयोग करके किसान अपनी सब्जियों को सहेज कर रख सकें।
उन्होंने कहा कि किसानों से आग्रह किया कि अपना रूझान पारम्परिंक खेती की और करें और मोटा अनाज उगाने का पुनः प्रयास करें ताकि मोटा अनाज के प्रयोग से हम स्वस्थ रहें।
इस मौके पर उपनिदेशक कृषि डॉ. शशी कृषि विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनांओं और क्रार्यकमों की जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त बागवानी विभाग से डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, आत्मा से डॉ. पंकज, कृषि विज्ञान केन्द्र से डॉ. गौरव, विषय वाद विशेषज्ञय डॉ. ब्रिजेश चंदेल, डॉ. श्याम शर्मा इत्यादि विभिन्न कृषि विशेषज्ञयों ने सबंधित विषयों पर किसानों का जागरूक किया।
इस अवसर पर अवतार सिंह धीमान ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार रूपये का चैक प्रदान किया। किसानों को सरसों, मूली, पालक, मटर के उतम किस्म के निशुल्क बीज वितरित किए।
इस अवसर पर जागीर सिंह मेहता, सेवानिवृत्त कृषि उप निदेशक डॉ रवि शर्मा,निदेशक राज्य सहकारी बैंक डॉ जगदीश चन्द्र, गतवाड़ पंचायत उप प्रधान अजय शर्मा, भराड़ी पंचायत प्रधान प्यारे लाल ,गाहर पंचायत प्रधान तारा चंद धीमान,घण्ड़ालवी पंचायत प्रधान सरला चौहान ,सुरम सिंह, मनोहर लाल तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।