रिड़कमार में आयूषमान आरोग्य शिविर में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे केवल पठानिया
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिड़कमार में आयोजित इस स्वास्थ्य शिविर में सिविल अस्पताल शाहपुर से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आवश्यक परामर्श दिया। शिविर में 200 के करीब स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें निशुल्क दवाइयां वितरित की गई। केवल पठानिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को उप स्वास्थ्य केंद्रों तक निशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवानी चाहिए तथा अपनी पूरी टीम को मोबिलाइज करके ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को उनके घर-द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध करवाए एंटी वेनम इंजेक्शन
केवल पठानिया ने कहा कि सांप के काटने पर एंटी वेनम इंजेक्शन पहले केवल बड़े अस्पतालों और स्वास्थ्य कंेद्रों में उपलब्ध होता था। उन्होंने विधानसभा में इसके लिए आवाज उठाई कि सांप के काटने की ज्यादातार घटनाएं गांवों में होती हैं और अधिकतर मामलों में मरीज बड़े अस्पताल में पहुंचने के पहले ही दम तोड़ देता था। पठानिया ने बताया कि उनकी पहल के बाद आज प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है।
धारकंडी क्षेत्र में 21 करोड़ की लागत से हो रहा सड़कों का निर्माण
बकौल पठानिया, शाहपुर विधानसभा हल्के का धारकंडी केंद्र अच्छी सड़क सुविधा न होने की वजह से लम्बे समय तक पिछड़ा रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार आने के बाद इस क्षेत्र का भाग्य उदय हुआ और आज यहां लगभग 21 करोड़ रूपये की लागत से सड़कों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि बनाला से रूलेड़ सड़क पर सरकार द्वारा 16 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की जा रही है। वहीं रिड़कमार से कुठारना सड़क का निर्माण लगभग 5 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से कहा कि दुर्गम क्षेत्र धारकंडी में सड़क निर्माण के लिए पहली बार इतना पैसा मिला है, इसलिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण लोग भी करें और कार्य में कोई कमी दिखाई देने पर उन्हें इसकी जानकारी दें।
जमीन में देखने को मिलें विश्वविद्यालय के शोध परिणाम
कार्यक्रम के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्राध्यापक, वैज्ञानिक और अधिकारी भी उपस्थित रहे। केवल पठानिया ने उन्हें विश्वविद्यालय के शोध को जमीनी स्तर पर उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि अप्पर हिमाचल मंे कृषि और बागवानी ने लोगों के जीवन को बदल दिया है। इसी प्रकार लोअर हिमाचल में भी इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यहां की मिट्टी को परखकर हमारे क्षेत्र में किस प्रकार की कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है, इस दिशा पर कृषि विश्वविद्यालय और वहां के प्रोफेसर्स, वैज्ञानिक और शोधार्थी काम करें। शोध के परिणामों के आधार पर विशेषज्ञ लोग फील्ड में आकर कृषकों और बागवानों को प्रशिक्षण दें।
यह रहे उपस्थित
इस दौरान एसडीएम शाहपुर करतार चंद, बीएमओ डॉ. कविता ठाकुर, देवदत्त शर्मा, जिला परिषद सदस्य ऋतिका शर्मा, पूर्व बीडीसी अक्षय कुमार, शशि पाल शर्मा, प्रधान दरीणी राजेंद्र शर्मा, बीडीसी सदस्य सुमन, मनोज कुमार, प्रधानाचार्य राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार युवराज पठानिया, निदेशक कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर डॉ. विनोद शर्मा, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा डॉ. संजय शर्मा, डॉ. दीप कुमार, डॉ. अखिलेश, पूर्व सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा, विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. नेहा रेहालिया, डॉ. सोनिका, डॉ. सुनिल, डॉ. राहुल, डॉ. अंकुर, चिकित्सा अधिकारी डॉ. इशमीत सिंह सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।