सांसद राज्यसभा एव भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ सिकंदर कुमार ने पांवटा साहिब में वीर बाल दिवस के अवसर पर की शिरकत
अक्स न्यूज लाइन पांवटा साहिब 26 दिसंबर :
डॉ सिकंदर कुमार, सांसद राज्यसभा एव भाजपा प्रदेश महामंत्री ने आज वीर बाल दिवस के अवसर पर पोंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर डॉ सिकंदर ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिवादन किया और कहा कि आज पांवटा साहिब की इस पवित्र धरा पर खड़े होकर हृदय गौरव और करुणा दोनों से भरा हुआ है। यह वह भूमि है जहाँ दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी ने साढ़े चार वर्ष बिताए, शस्त्र और शास्त्र का संगम किया।
उन्होंने कहा कि आज हम यहाँ केवल एक तारीख मनाने नहीं आए हैं बल्कि उस कौमी जज्बे को नमन करने आए हैं जिसने इतिहास की धारा बदल दी। बाबा ज़ोरावर सिंह जी और बाबा फ़तेह सिंह जी—दुनिया के इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती जहाँ सात और नौ साल के बच्चों ने मौत को गले लगाना स्वीकार किया, लेकिन अपना धर्म और ज़मीर नहीं त्यागा। एक शिक्षाविद् के नाते मैं कहना चाहता हूँ कि दुनिया की कोई भी यूनिवर्सिटी वह साहस नहीं सिखा सकती जो इन साहिबज़ादों ने सरहिंद की दीवारों में मुस्कुराते हुए सिखा दिया। उन्होंने सिद्ध किया कि विरासत दीवारों से नहीं बलिदानों से बनती है।
डॉ सिकंदर ने कहा कि सिख परंपरा भारत की रक्षा कवच है। जैसा कि पवित्र वाणी में कहा गया है:
“विचि दुनिया सेव कमाइए॥ ता दरगह बैसणु पाइए॥”
अर्थात इस संसार में सेवा के कार्य करने से ही आगे सम्मान प्राप्त होता है। मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में हमेशा एक और सूत्र को जिया है:“मन तू जोत सरूप है अपना मूल पछाण।” जब तक हम अपनी जड़ों को नहीं पहचानेंगे हम एक सशक्त राष्ट्र नहीं बना सकते। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देकर इसी मूल को पहचानने का काम किया है। आज़ादी के दशकों बाद पहली बार एक ऐसी सरकार आई है जिसने सिखों के गौरव को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। चाहे करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना हो, चाहे हेमकुंड साहिब तक रोपवे पहुंचाना हो या अफगानिस्तान से सरूप को पूरे राजकीय सम्मान के साथ लाना हो। यह केवल राजनीति नहीं यह आस्था और कृतज्ञता का भाव है जो मोदी जी के हृदय में सिख गुरुओं के प्रति है।
उन्होंने हिमाचल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि आज जब मैं यहाँ खड़ा हूँ मेरा मन व्यथित भी है। जिस हिमाचल को हम देवभूमि कहते हैं उसे आज कांग्रेस सरकार की दिशाहीनता ने ग्रहण लगा दिया है। आज हिमाचल का युवा ठगा हुआ महसूस कर रहा है। चुनावी वादे केवल कागज़ों तक सीमित रह गए। सरकारी तंत्र ठप है और नियुक्तियां लटकी हुई हैं। जो देवभूमि संतों की वाणी से गुंजायमान होती थी वहां आज नशा हमारी पीढ़ियों को खोखला कर रहा है। सरकार के पास न कोई विज़न है न इच्छाशक्ति।
डॉ सिकंदर ने कहा कि केंद्र से विकास के लिए रिकॉर्ड फंड आ रहा है लेकिन यहाँ की सरकार की आपसी खींचतान और प्रशासनिक अक्षमता के कारण वह जनता तक नहीं पहुँच पा रहा। उन्होंने कहा कि सत्ता भोग के लिए नहीं, सेवा के लिए होती है और जो सरकार जनता के भरोसे का सौदा करती है उसे सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं होता।
भाजपा नेता ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें कायरता नहीं रणभेरी सिखाता है। साहिबज़ादों का बलिदान हमें सिखाता है कि अन्याय के सामने झुकना सबसे बड़ा पाप है। उन्होंने लोगों से नशामुक्त हिमाचल बनाने का, गुरुओं के बताए सेवा मार्ग पर चलने का और हिमाचल को पुन: विकास की मुख्यधारा मे लाने का संकल्प दिलवाया !




