कांग्रेस कंफयूस्ड सरकार और कंफयूस्ड नेतृत्व : डॉ राजीव बिंदल

हिमाचल भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने यहाँ जारी एक प्रेस बयान में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार इस अस्पताल को दोबारा 2017 से पूर्व के स्तर पर लाने में जुट गई हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल से डाक्टर जा रहे हैं उसकी चिन्ता नही है। 26 महीने से अस्पताल काम बंद करके रखा गया है। इस सबका दोषरोपण भी भाजपा पर डाल कर कांग्रेस नेता अपना पल्ला झाड रहे है।
डॉक्टर बिंदल ने कहा कि 265 करोड़ रुपये मेडिकल कालेज का, 70 करोड़ रुपये नर्सिंग कालेज का और 20 करोड़ रुपये मातृ एवं शिशु अस्पताल का यह सारी करोड़ों रूपए की धनराशि केन्द्र सरकार से स्वीकृत हुई है। इस धनराशि पैसों का प्रयोग न करके कांग्रेस केवल अस्पताल के साथ क्यों राजनीति कर रही है यह समझ से परे है कि। चले हुए काम को काम को बंद करके नया काम शुरू करने के लिए मुशक्त कर रहे हैं।
डॉ. बिंदल ने कहा कि कांग्रेस कंफयूस्ड सरकार और कंफयूस्ड नेतृत्व है। कांग्रेस नेता कहते हैं कि अस्पताल के लिए नई जगह तालाश कर ली है वहां पर मेडिकल कालेज व अस्पताल बनेगा और नाहन में भी रहेगा। अब सवाल यह है कि जब अस्पताल नई जगह मे रहेगा तो नाहन मे कैसे रहेगा। ‘‘दुविधा में दोनों गए न माया मिली न राम’’ इससे तो यही लग रहा है, यह न नई जगह बनेगा न पुराना ही रहेगा।
उन्होनें कहा कि वर्तमान अस्पताल के साथ 300 बिस्तरों का अस्पताल व टीचिंग ब्लॉक बनाने की पूर्ण जगह मौजूद है जिसके नक्शे पास है और काम अधूरा है, उसे छोड कर नई जगह तालाश करना जनता के साथ धोखा है। हम नाहन क्षेत्र की जनता के हित में निम्न आग्रह करते हैं, ’ अस्पताल में सुधार करें, ’ ज्यादा डाक्टर व पैरा मैडिकल लाए। ’ अस्पताल का रूका हुआ काम जल्द शुरू करें। ’ मेडिकल कालेज का रूका हुआ काम जल्द शुरू करे।
कांग्रेस सरकार के ढाई वर्ष बीत चुके हैं और ज्यादा समय बर्बाद न करते तो अच्छा रहेगा। उन्होनें कहा कि 1000 लोगों को नौकरी देने वाली फांऊडरी नाहन में चल सकती है तो क्या मेडिकल कालेज नहीं चल सकता। मेडिकल कालेज के रेसिडेंशिल ब्लॉक को बनाने के लिए फांऊडरी की 30 बीघा जमीन को इस्तेमाल करना चाहिए। यदि कांग्रेस सरकार को कोई संस्थान ही खोलना है तो नई जगह पर आई.आई.टी खोले, आई.आई.आई.टी. खोले, इंजनियरिंग कालेज खोले, कौन रोकता है। हम फिर दोबारा सलाह दे रहे है कि मेडिकल कालेज व अस्पताल को तुरन्त पूरा करें। इसे बदलना जनहित में नहीं है।