हिमाचल प्रदेश के शिक्षा ढांचें में हुआ है व्यापक बदलाव - मुकेश अग्निहोत्री
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय फैशन डिज़ाईनिंग तकनकी संस्थान(आईआईएफटी), भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान(आईआईटी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स), भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम), भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान(ट्रिपल आईटी) विभिन्न मेडिकल कॉलेज़ व पीजीआई चंडीगढ़ का सैटेलाईट सेंटर जैसे कई संस्थान स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षा ढांचे में हो रहे इन व्यापक बदलावों का जहां प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे है तो वहीं बच्चों को प्रोत्साहित करने का भी कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बच्चों से जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारण कर कड़ी मेहनत करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जीवन में आगे बढ़े तथा कई अभिभावक बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं। ऐसे में उन्होंने बच्चों से कहा कि वे कदम आगे बढ़ाए तथा दुनिया को पहचानने का प्रयास करें ताकि वह अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर सकें।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जिला के ये प्रतिभावान बच्चे प्रदेश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बच्चों से नशे के खिलाफ महौल बनाने में भी अपना सहयोग प्रदान करने का आहवान किया। साथ ही चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशा आज प्रदेश के दूर-दराज और जन-जातीय क्षेत्रों तक अपने पांव पसार चुका है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जहां प्रदेश सरकार सख्ती से कार्य कर रही है तो वहीं नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तथा पुलिस को नशे के सौदागारों के खिलाफ कड़े कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों के साथ अपनी बात साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में आय सृजन के साधन सीमित है तथा प्रदेश पर भारी भरकम कर्जे का बोझ है। ऐसे में आय सृजन में नई-नई संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में ही मनचाहा वाहन नम्बर प्राप्त करने के लिए खुली बोली के माध्यम से सरकार को लगभग 15 करोड़ रूपये की आय प्राप्त हुई है। प्रदेश में 22 हज़ार मेगावॉट पन विद्युत दोहन की क्षमता है जिसमें से लगभग 11 हज़ार मेगावॉट पन विद्युत क्षमता का दोहन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम हिमाचल प्रदेश की लाईफ लाईन है तथा प्रदेश के दूर-दराज व आखिरी गांव तक बस सुविधा उपलब्ध हो इस दिशा में भी कार्य कर रही है। भले ही इससे एचआरटीसी को घाटा सहन कर पड़ रहा है।