मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान ने किया न्यायालय के फैसले का स्वागत
अक्स न्यूज लाइन शिमला 11 जनवरी :
शिमला योजना क्षेत्र पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों और शिमला विकास योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगाने वाले अन्य दो आदेशों को रद्द करने के शीर्ष न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिमला में विकास गतिविधियों और निर्माणों पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ मामले को प्रभावी ढंग से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने कहा कि शिमला विकास योजना को वर्तमान सरकार द्वारा मार्च 2023 में शिमला योजना क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों के लिए एक नए ब्लू प्रिंट के साथ अधिसूचित किया गया था जिसमें यह तर्क दिया गया था कि एनजीटी ने अपने अधिकार क्षेत्र को पार किया है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में लम्बित एक मामले को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जिसमें विवादास्पद शिमला विकास योजना-2041 को रद्द करने के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के हालिया फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए चुनौती दी गई थी।
उन्होंने कहा, आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने शिमला के लोगों को उन विकास गतिविधियों को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी राहत दी है जो पिछले कई वर्षों से अधर में लटकी हुई थीं।
नरेश चौहान ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दृढ़ प्रयासों को दिया। उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए अनुभवी अधिवक्ताओं की सेवाएं लीं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की भी सराहना की, जिसमें कहा गया था कि विकास योजना को अंतिम रूप देने की शक्ति का प्रयोग राज्य सरकार के पास है और एनजीटी निर्देश जारी नहीं कर सकता है और वह राज्य के वैधानिक कार्यों में अतिक्रमण नहीं कर सकता है। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के मुख्यमंत्री के निर्णयों का भी स्वागत किया।
नरेश चौहान ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में समयबद्ध तरीके से स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे चिकित्सकों को एक क्लिक के माध्यम से मरीजों का चिकित्सा इतिहास जानने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आबादी को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने अब तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 35 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए हैं। शीघ्र ही शेष विधानसभा क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों में भी 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए पहले चरण में दो चिकित्सा महाविद्यालयों में शीघ्र ही पीईटी स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी क्योंकि वर्तमान में इस सुविधा के लिए लोगों को पड़ोसी राज्यों में जाना पड़ता है, जिस पर काफी धनराशि खर्च होती है।