नमो ड्रोन दीदी योजना ....पहले चरण में 3090 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य रखा

नमो ड्रोन दीदी योजना ....पहले चरण में 3090 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य रखा

अक्स न्यूज लाइन शिमला ,  02 दिसंबर :
डा सिकंदर कुमार, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा ने राज्यसभा में नमो ड्रोन दीदी योजना की तकनीकी और परिचालनात्मक शुरूआत सम्बन्धी प्रश्न उठाया। उन्होनें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से जानना चाहा कि कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रोद्यौगिकी से लैस करके सशक्त बनाने के लिए नमो ड्रोन दीदी नामक केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना की वर्तमान स्थिति क्या है ? क्या इस योजना का व्यापक संचालन सुनिश्चित करने के लिए इसकी तकनीकी और परिचालनात्मक शुरूआत का मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण करने हेतु कोई समिति गठित की गई है ? क्या योजना को राज्य स्तर पर लागू किया जाएगा, यदि हां तो राज्य स्तर पर इसके कार्यान्वयन और मूल्यांकन के लिए क्या मानदंड अपना गए हैं ? और क्या सरकार हिमाचल प्रदेश में महिला उद्यमियों की नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है ?
डाॅ0 सिकंदर कुमार के प्रश्नो का उत्तर देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रू0 के परिव्यय के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करने हेतु केन्द्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में नमो ड्रोन दीदी को मंजूरी दी है। इस योजना का उदेश्य किसानों को तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव हेतु किराये पर सेवाएं प्रदान करने के लिए 15000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करना है।
उन्होनें बताया कि यह योजना हिमाचल प्रदेश में भी कार्यान्वित की जा रही है। प्रमुख उर्वरक कंपनियों ने अपने आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके वर्ष 2023-24 में पहले 500 ड्रोन खरीदे हैं और चयनित स्वयं सहायता समूहों को वितरित किए हैं जिनमें हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराए गए 4 ड्रोन शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान  पहले चरण में 3090 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है जिनमें से 16 स्वयं सहायता समूह हिमाचल प्रदेश से हैं। योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए अन्य सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों तथा डोमेन विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक अंतर-विभागीय समिति भी गठित की गई है।
उन्होनें बताया कि विभिन्न विभागों और संस्थानों से लिए गए सदस्यों वाली राज्य स्तर की समिति, ड्रोन उपयोग के लिए उपयुक्त क्लस्टर्स का चयन करने, ड्रोन उपलब्ध कराने हेतु राज्यों के अंतर्गत चिन्हित क्लस्टर्स में से प्रगतिशील महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन करने, ड्रोन उपयोग का आकलन करने, ड्रोन उपयोग के मौजूदा अंतर, उपलब्धता और भविष्य की आवश्यकताओं का पता लगाने, एल.एफ.सी और कीटनाशक कंपनियों के समन्वय से चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यवसाय उपलब्ध कराने/सुनिश्चित करने आदि के लिए जिम्मेदार हैं।

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