बागवानी नीति लागू करने वाला पहला राज्य होगा हिमाचल : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,292 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के सात जिलों में 6 हजार हेक्टेेयर क्षेत्र को कवर करेगी। उन्होंने अंतर-फसलीय खेती पर बल देते हुए कहा कि दो चरणों में अमरूद, नींबू प्रजाति के फलों, अनार, ड्रैगन फ्रूट, जामुन तथा कटहल के पौधे रोपे जाएंगे।
उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि परियोजना में छोटे तथा सीमांत किसानों को शामिल किया जाए ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा बागवानी क्षेत्र किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
श्री सुक्खू ने कहा कि परियोजना के तहत वर्ष 2028 तक छह हजार हेक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपे जाएंगे। परियोजना के तहत प्रथम चरण में चार हजार हेक्टेयर भूमि तथा दूसरे चरण में शेष दो हजार हेक्टेयर भूमि को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से वर्ष 2032 तक 1.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद जताई, जिसका प्रतिवर्ष लगभग 230 करोड़ रुपये का व्यापार मूल्य होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से राज्य के 82,500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि इस परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए ताकि किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही 70 प्रतिशत आबादी विभिन्न कृषि गतिविधियों से जुड़ी हैै। उन्होंने विभाग को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता व सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव बागवानी प्रियंका बसुु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय सिंह तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।