चार महीने पहले विक्रमादित्य सिंह ने प्रैस वार्ता करके इस सरकार से इस्तीफा दे दिया था, अब सरकार की प्रशंसा कर रहे है : सत्ती
अक़्स न्यूज लाइन, शिमला --05 जुलाई
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षा प्रतिभा सिंह एवं उनके सुपुत्र लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वर्तमान में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा एवं उनके सुपुत्र प्रदेश की कांग्रेस सरकार के प्रंशसा के कसीदे पढ़ रहे हैं जबकि चार महीने पहले विक्रमादित्य सिंह ने प्रैस वार्ता करके इस सरकार से इस्तीफा दे दिया था और रोते हुए अपनी मनोदशा व्यक्त की थी। इसी प्रकार प्रतिभा सिंह ने भी कई बार मीडिया के सामने सुक्खू सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाए थे कि सरकार में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है, कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं। इसलिए इन्होनें मण्डी से लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैंसला लिया था। लेकिन सुखविन्द्र सुक्खू ने इनको सबक सिखाने के लिए इनके पुत्र को ही मण्डी लोकसभा सीट से टिकट दे दिया।
सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस को लगता था कि मण्डी लोकसभा उनका परंपरागत गढ़ है लेकिन नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं व मण्डी लोकसभा की जनता ने भाजपा उम्मीदवार को संसद में भेजकर उनको बता दिया कि मण्डी किसका गढ़ है। मण्डी अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा और न ही राजा-महाराजाओं की जागीर है। उन्होनें कहा कि सब जानते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 वीरभद्र सिंह को सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हमेशा अपना धुर विरोधी माना और उनके विरूद्ध कार्य करते रहे लेकिन आज अपनी राजनैतिक इच्छाओं की प्रतिपूर्ति के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षा और उनके मंत्री पुत्र सुक्खू सरकार के आगे नतमस्तक हो गए हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र विक्रमादित्य गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। कभी सरकार के खिलाफ हो जाते हैं तो कभी सरकार की प्रशंसा करते हैं। आखिर ये किस राजनीतिक दबाव में है जिसके कारण उन्होनें वीरभद्र सिंह जी की विरासत और उनकी मान, मर्यादाओं का ध्यान नहीं रखा। वीरभद्र सिंह ऐसे नेता थे जिन्होनंे कांग्रेस हाईकमान के आगे भी कभी राजनैतिक मूल्यों को ताक पर समझौता नहीं किया लेकिन आज उनके परिवार के सदस्य ही उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के बजाए दोगली राजनीति कर रहे हैं।
सतपाल सत्ती ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस की अंतर्कलह जगजाहिर है। सुक्खू सरकार में मंत्री परेशान है, विधायक परेशान है, कार्यकर्ता परेशान हैं, जनता परेशान है। इस सरकार से कोई वर्ग खुश नहीं है। बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा, सरकारी कर्मचारियों को उनके भत्ते नहीं मिल रहे, पैंशनरों को समय पर न तो पैंशन नहीं मिल रही और न ही मैडिकल बिल मिल रहे हैं। वाटर कैरियर और आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों को दो-तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा है और सरकार अपनी सुख-सुविधाओं के लिए कर्जे पर कर्जा लेकर हिमाचल को आर्थिक संकट की ओर धकेल रही है।
उन्होनें कहा कि लोकसभा चुनावों में इस सरकार ने सरकारी मशीनरी का खुल कर दुरूपयोग किया। धनबल से चुनावों को प्रभावित करने के प्रयास किए, कर्मचारियों को परेशान किया, व्यवसायियों, छोटे-छोटे दुकानदारों को परेशान किया, लोगों को डराया, धमकाया इसके बावजूद भी प्रदेश की जनता ने भाजपा को चारों सीटें जीताकर प्रदेश सरकार को आईना दिखाया। मुख्यमंत्री अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में भी हार गए, इनके मंत्री, सी0पी0एस0, बोर्डाें, निगमों के चेयरमैन, वाईस चेयरमेन भी कांग्रेस को अपने हलको में बढ़त नहीं दिला पाए और 68 विधानसभा क्षेत्रों में से भारतीय जनता पार्टी ने 61 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की। इसका स्पष्ट अर्थ है कि यह सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है।
भाजपा नेता ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों की सरकार है, मित्रों की सरकार है, झूठों की सरकार है। इस सरकार में केवल मित्रों के वारे-न्यारे हो रहे हैं और आम जनता त्रस्त है।