अक्स न्यूज लाइन मंडी 21 मई :
मंडी लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी कंगना रनौत ने आज अपने चुनाव प्रचार अभियान सिराज में दर्जन भर कार्यक्रमों में भाग लिया उन्होंने चुनावी जनसंवाद के दौरान कहा कि पिछले एक दशक में देश का कायाकल्प हुआ है आज देश का हर एक व्यक्ति देश की तरक्की में सहयोगी बनना चाहता है पिछले एक दशक में देश ने एक काले अध्याय को पीछे छोड़ कर अमृतकाल का सफर तय किया है और 2047 तक भारत की आजादी के 100 वर्षों पर एक विकसित भारत बनाने का स्वप्न हर देश वासी देख रहा है यह मात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि आज देश में नक्सलवाद , आतंकवाद जैसी बड़ी चुनौतीयों से उभरा है जहां भारतीय सेना आज घर में घुस कर मारती है वहीं केंद्र की मजबूत सरकार POK को वापिस लेने का संकल्प भी और मजबूत करती है। वहीं इंडी गठबंधन के नेता पाकिस्तान के पक्ष में बयानवाजी करते हैं पाकिस्तान के बमों के भारत को नरमी से पेश आने के बातें करते हैं कांग्रेस मात्र लूट खसोट की पार्टी है जिन्हे वोट करके मंडी की जनता पाप की भागीदार नहीं बनेगी। कांग्रेस के पास न नेता है नीति वो केवल मात्र तुष्टिकरण,परिवारवाद की राजनीति कर सकती । इंडी गठबंधन के नेता बताएं कि इस घमड़िया गठबंधन का प्रधानमंत्री कौन होगा या फिर केवल पांच सालों में पांच प्रधानमंत्री बनाने के सपने गठबंधन के लोग देख रहे हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी 50 सीटें भी जीतने वाली नही है ।
कंगना रनौत ने विक्रमादित्य पर हमला बोलते हुए कहा कि वह मात्र बिगड़ैल शहजादे हैं उनको महिला सम्मान क्या होता है शायद उनकी माता प्रतिभा सिंह ने नहीं सिखाया । उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने देव समाज व देवी देवताओं को राजशाही से एक स्तर नीचे बताया, आज उनका अहंकार उनके सिर चढ़ कर बोल रहा है विक्रमादित्य कहते हैं कि जिन मंदिरों में कंगना जा रहीं हैं उन मंदिरों को पवित्र करवाना पड़ेगा यह शब्दावली हिमाचल के देव समाज की नहीं बल्कि उनके दिमाग की ऊपज है उनसे एक महिला के हाथों हार स्वीकार नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में लगाकर उन्हें जनता के साथ साथ देवी देवताओं का आशिर्वाद भी भरपूर मिल रहा है विक्रमादित्य मात्र लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं उन्हें देव समझ का ठेकेदार बनना बंद कर देना चाहिए क्योंकि उनके आचरण को प्रदेश के लोग भली भांति समझते हैं आने वाली चार जून को स्पष्ट हो जाएगा कि किसको देवी देवताओं का आशिर्वाद मिलेगा किसको नही।