लावारिस बच्चों के परिजन सामने नहीं आए तो शुरू होगी गोद लेने की प्रक्रिया

जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि 3 जून 2017 को अंश नाम का बालक बाल कल्याण समिति चंडीगढ़ को लावारिस अवस्था में मिला था। इस बालक को चंडीगढ़ पुलिस की सहायता से बाल आश्रम सुजानपुर भेजा गया था। इस बालक को पारिवारिक देखरेख के लिए एक परिवार में दिया गया है। परंतु आज दिन तक इस बालक से मिलने कोई भी रिश्तेदार नहीं आया। बालक अपना नाम अंश बताता है। तिलक राज आचार्य ने बताया कि इसकी उम्र लगभग 14 साल, रंग सांवला, लंबाई पांच फुट 6 इंच है तथा वह हिंदी भाषा की जानकारी रखता है।
दूसरा बच्चा सुखदेव (सुनील) 29 मई 2021 को ऊना में लावारिस अवस्था में मिला था। इस बालक को ऊना पुलिस और जिला बाल कल्याण समिति की सहायता से बाल आश्रम सुजानपुर भेजा गया था। परंतु आज दिन तक इस बालक से मिलने कोई भी रिश्तेदार नहीं आया। बालक अपना नाम सुखदेव बताता है, जिसकी उम्र 14 साल, रंग- सांवला, लंबाई पांच फुट चार इंच है तथा वह हिंदी भाषा की जानकारी रखता है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि इन बालकों के जैविक माता-पिता या अभिभावक इन्हें लेना चाहते हैं तो वे 60 दिन के भीतर जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के दूरभाष नंबर 01972-223344 या जिला कार्यक्रम अधिकारी के दूरभाष नंबर 01972-225085 पर संपर्क करके तथा अपनी पहचान स्वरूप दस्तावेज दिखाकर इन्हें ले जा सकते हैं।
इस अवधि के दौरान अगर इन बच्चों का कोई भी परिजन या रिश्तेदार सामने नहीं आता है तो जिला बाल कल्याण समिति हमीरपुर इन्हें कानूनी रूप से स्वतंत्र कर देगी, ताकि इन्हें गोद लिया जा सके।