आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा ने अनुसंधान संस्थान भारतीय चिकित्सा पद्धति जोगिन्दर नगर में किया शुभारंभ
उन्होंने कहा कि हमारे देश की हर्बल धरोहर को विश्व भर में पहचान दिलाने और लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए राष्ट्रीय अश्वगंधा अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभियान के माध्यम से अश्वगंधा की खेती, उपयोग और उसके लाभों के बारे में व्यापक जागरूकता की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के लाभों को देखते हुए सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा 140 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में तैनाती की गई है। स्वास्थ्य संस्थानों को अग्रणी संस्थानों के रूप में लेकर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज आदिकाल से हो रहा है। कोरोना कॉल में इस पद्धति के माध्यम से कोरोना पीड़ित भी ठीक हुए है।
हर्बल गार्डनों को किया जाएगा सुदृढ
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर्बल गार्डनों को सुदृढ़ किया जाएगा ताकि वहां आयुर्वेदिक औषधियां तैयार की जाएं। इससे प्रदेश को आय भी होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक साल के अंदर आयुष विभाग में क्रांतिकारी बदलाव होंगे ताकि प्रदेश केरल जैसे दूसरे राज्यों जहां आयुर्वेद में अच्छे काम हुए हैं के मुकाबले में आ सके।
2 लाख अश्वगंधा के पौधे होंगे वितरित
उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत आगामी मौसम में गर्म जलवायु क्षेत्रों के दस जिलों में अश्वगंधा के स्वास्थ्य उपयोगों की जागरूकता हेतु जिला आयुष अधिकारी के माध्यम से 2 लाख अश्वगंधा के पौधे वितरित किए जाएंगे। उन्होंने इस मौके पर किसानों को अश्वगंधा के पौधे भी बांटे ।
अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा का अमूल्य हिस्सा
उन्होंने कहा कि अश्वगंधा जिसे भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है, हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक अमूल्य हिस्सा है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है बल्कि मानसिक तनाव और चिंता को भी कम करता है। आज, जब आधुनिक जीवन शैली से उत्पन्न बीमारियां बढ़ रही हैं। अश्वगंधा जैसी औषधियां हमारे स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन सकती है।
इस अवसर पर सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी जीवन ठाकुर, सचिव आयुष संदीप कदम, निदेशक आयुष डॉ निपुण जिंदल, अतिरिक्त निदेशक आयुष अमित गुलेरिया, प्रधानाचार्य आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय पपरोला विजय चौधरी, एसडीएम जोगिन्द्रनगर मनीष चौधरी, ओएसडी आयुर्वेद विभाग सुमित पठानिया, प्रभारी आरआइआइएसएम जोगिन्दर नगर उज्जवल दीप शर्मा, आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड के उत्तर क्षेत्रीय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अरूण चंदन, उप निदेशक मंडी आयुष आनंदी शैली, डॉ शैली बंसल नोडल अधिकारी स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड, जिला आयुष अधिकारी अनिल कालीया सहित अन्य जिलों से आए चिकित्सक और अन्य अतिथि उपस्थित रहे।